अपनों को ही कर रहा टॉर्चर
एजेंसियां — टोरंटो (कनाडा)
एक एक्टिविस्ट ग्रुप ने दावा किया है कि चीन दुनियाभर में अवैध पुलिस स्टेशन खोल रहा है। पॉलिटिकल एक्टिविस्ट्स और दूसरे देशों में रहने वाले चीनी नागरिकों को यहां बंदी बनाकर रखा जा रहा है। चीन की दूसरे देशों में ऐसी दखलंदाजी खतरे की घंटी है। इंटरनेशनल फोरम फॉर राइट एंड सिक्योरिटी ने कुछ रिपोट्र्स का हवाला देते हुए कहा कि चीन ने नीदरलैंड, कनाडा, आयरलैंड, नाइजीरिया समेत 21 देशों के 25 शहरों में अवैध पुलिस स्टेशन बनाए हैं। ये सीधे तौर पर किसी भी देश की संप्रभुता और सुरक्षा के खिलाफ है। इंटरनेशनल फोरम ने स्पेन के सिविल साइट ग्रुप का हवाला देते हुए कहा कि चीन के फूजौ और किंग्टियन शहर में बैठे अधिकारी अवैध पुलिस स्टेशन को चला रहे हैं। उनके सुपरविजन में यहां लोगों को बंदी बनाया जा रहा है। इन पुलिस स्टेशनों के दो ही मकसद हैं।
पहला- दूसरे देशों में रह रहे चीनी प्रवासियों को वापस चीन जाने के लिए राजी करना। दूसरा- चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और प्रेजिडेंट शी जिनपिंग के खिलाफ जाने वाले या आवाज उठाने वालों को डराना, धमकाना और टॉर्चर करना। इस मामले में चीन की तरफ से कोई साफ जवाब नहीं मिला है। हालांकि, चीन सरकार के अधिकारियों ने इस दावे को खारिज भी नहीं किया है। कनाडा में स्थित चाइनीज एंबैसी का कहना है कि ये पुलिस स्टेशन देश में रहने वाले चीनी नागरिकों की मदद के लिए बनाए गए हैं। फोरम के मुताबिक, कुछ ऐसे डॉक्युमेंट्स भी सामने आए हैं जिसमें ये कहा गया है कि अवैध पुलिस स्टेशन कई साल पुराने हैं, इनकी जानकारी अभी सामने आई है।
दूसरे देशों की जासूसी करता है चीन
चीन अफ्रीका में ऐसे ही जासूसी करता था। अब दूसरे देशों में भी जाल बिछा रहा है। 2018 में इथोरिया की राजधानी में अदीस अबाबा में अफ्रीकन यूनियन बिल्डिंग में कुछ सर्वर मिले थे। चीन ने एक ऐसा डिजिटल नेटवर्क बनाया था, जिनसे सीक्रेट डाटा और वीडियोज चीनी सरकार के पास ट्रांस्फर किए जाते थे।
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