रामगढ़ चीनी मिल के बाहर खड़ी ट्रॉलियां। -संवाद
– फोटो : SITAPUR
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सीतापुर/गोंदलामऊ। रामगढ़ चीनी मिल यार्ड में जाम की समस्या गहराती जा रही है। चीनी मिल के चारों तरफ डेढ़ किमी. तक गन्ना लेकर पहुंचे सैकड़ों किसान जाम में फंसे हुए हैं। तीन दिन से लगभग तीन हजार किसान तौल का इंतजार कर रहे हैं। जाम व इंडेंट को लेकर मिल प्रबंधन और सचिव आमने-सामने आ गए हैं। मिल के महाप्रबंधक ने जाम की वजह ज्यादा इंडेंट निकाला जाना बताया, जबकि सचिव इसे गलत ठहरा रहे हैं। सचिव का दावा है, इंडेंट डिमांड के मुताबिक ही जारी किए गए हैं।
डालमिया ग्रुप के रामगढ़ चीनी मिल का पेराई सत्र नौ नवंबर से शुरू हुआ है। अधूरी तैयारियों के बीच पेराई सत्र चालू कर दिए जाने का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। मिल यार्ड में हजारों किसान पिछले तीन दिनों से तौल होने की बाट जोह रहे हैं। लिहाजा, मिल के चारों ओर जाम लग गया है। गन्ना लेकर किसान लगातार मिल पहुंच रहे हैं।
जाम की समस्या गहराती जा रही है। तकरीबन डेढ़ किमी. तक जाम लगने से गन्ने की तौल कराने पहुंचे तीन हजार किसान फंसे हुए हैं। किसान उमेश कुमार ने बताया कि 24 घंटे बीत जाने पर भी यार्ड तक नहीं पहुंच सके हैं। किसान संजय शुक्ला ने बताया कि लगभग 30 घंटे हो रहें हैं, अभी भी जाम में फंसे हैं। किसान हरेश कुमार बताते हैं कि 24 घंटे हो गए हैं, अभी यार्ड तक पहुंचने में कितना समय लग जाएगा, कहना मुश्किल है।
जाम व इंडेंट को लेकर रामगढ़ समिति के सचिव अखंड प्रताप सिंह व मिल के जीएम यूके ठाकुर आमने सामने आ गए हैं। जीएम ने अधिक इंडेंट से जाम लगने की बात कही। सचिव का दावा है कि 10 नवंबर तक 45 हजार इंडेंट जारी किए गए हैं। अब जीएम भी अपने बयान को बदलते हुए मिल में तकनीकी खराबी से तौल बंद होने की बात कह रहे हैं। जीएम के मुताबिक अगले दो दिनों में अव्यवस्थाएं दूर कर जाम की समस्या खत्म कर दी जाएगी। यानी किसानों के लिए गन्ने की तौल कराना फिलहाल आसान नहीं है।
सचिव ने मिल अफसरों को लगाई फटकार
रामगढ़ चीनी मिल के यार्ड में अव्यवस्थाओं से जूझ रहे किसानों का दर्द अमर उजाला ने शनिवार के अंक में 36 घंटे बाद भी नहीं हो पाई तौल शीर्षक खबर के जरिए उजागर किया था। खबर का संज्ञान लेकर रामगढ़ समिति के सचिव अखंड प्रताप सिंह ने शनिवार सुबह यार्ड का औचक निरीक्षण किया।
शौचालय, पेयजल व रैन बसेरे को देखा, जिसमें व्यवस्थाएं दुरुस्त नहीं थीं। इस पर मिल प्रशासन को कड़ी फटकार लगाते हुए समस्याओं का समाधान कराए जाने के लिए निर्देशित किया। इस मौके पर गन्ना विकास परिषद के पर्यवेक्षक दिनेश सिंह सचान, शिवम कुमार, मिल केन प्रबंधक जितेन्द्र अवस्थी, रामनरेश दीक्षित व विष्णु मिश्रा मौजूद थे।
अधिक इंडेंट की बात गलत
अधिक इंडेंट की बात गलत है। तीन नवंबर से दस नवंबर की सुबह 11 बजे तक पैंतालीस हजार इंडेंट रहे हैं। यार्ड का निरीक्षण का समस्याएं दूर कराने के निर्देश मिल प्रबंधन को दिए गए हैं।
– अखंड प्रताप सिंह, सचिव रामगढ़
जल्द दूर होगी समस्या
इंडेंट का मिलान कराया गया तो इंडेंट सही मिले। मिल में तकनीकी खराबी से तौल बाधित होने पर जाम के हालात बन गए हैं। अगले दो दिनों में व्यवस्थाएं दुरुस्त कराते हुए जाम की समस्या दूर करा दी जाएगी।
– यूके ठाकुर, महाप्रबंधक रामगढ़ चीनी मिल
सीतापुर/गोंदलामऊ। रामगढ़ चीनी मिल यार्ड में जाम की समस्या गहराती जा रही है। चीनी मिल के चारों तरफ डेढ़ किमी. तक गन्ना लेकर पहुंचे सैकड़ों किसान जाम में फंसे हुए हैं। तीन दिन से लगभग तीन हजार किसान तौल का इंतजार कर रहे हैं। जाम व इंडेंट को लेकर मिल प्रबंधन और सचिव आमने-सामने आ गए हैं। मिल के महाप्रबंधक ने जाम की वजह ज्यादा इंडेंट निकाला जाना बताया, जबकि सचिव इसे गलत ठहरा रहे हैं। सचिव का दावा है, इंडेंट डिमांड के मुताबिक ही जारी किए गए हैं।
डालमिया ग्रुप के रामगढ़ चीनी मिल का पेराई सत्र नौ नवंबर से शुरू हुआ है। अधूरी तैयारियों के बीच पेराई सत्र चालू कर दिए जाने का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। मिल यार्ड में हजारों किसान पिछले तीन दिनों से तौल होने की बाट जोह रहे हैं। लिहाजा, मिल के चारों ओर जाम लग गया है। गन्ना लेकर किसान लगातार मिल पहुंच रहे हैं।
जाम की समस्या गहराती जा रही है। तकरीबन डेढ़ किमी. तक जाम लगने से गन्ने की तौल कराने पहुंचे तीन हजार किसान फंसे हुए हैं। किसान उमेश कुमार ने बताया कि 24 घंटे बीत जाने पर भी यार्ड तक नहीं पहुंच सके हैं। किसान संजय शुक्ला ने बताया कि लगभग 30 घंटे हो रहें हैं, अभी भी जाम में फंसे हैं। किसान हरेश कुमार बताते हैं कि 24 घंटे हो गए हैं, अभी यार्ड तक पहुंचने में कितना समय लग जाएगा, कहना मुश्किल है।
जाम व इंडेंट को लेकर रामगढ़ समिति के सचिव अखंड प्रताप सिंह व मिल के जीएम यूके ठाकुर आमने सामने आ गए हैं। जीएम ने अधिक इंडेंट से जाम लगने की बात कही। सचिव का दावा है कि 10 नवंबर तक 45 हजार इंडेंट जारी किए गए हैं। अब जीएम भी अपने बयान को बदलते हुए मिल में तकनीकी खराबी से तौल बंद होने की बात कह रहे हैं। जीएम के मुताबिक अगले दो दिनों में अव्यवस्थाएं दूर कर जाम की समस्या खत्म कर दी जाएगी। यानी किसानों के लिए गन्ने की तौल कराना फिलहाल आसान नहीं है।
सचिव ने मिल अफसरों को लगाई फटकार
रामगढ़ चीनी मिल के यार्ड में अव्यवस्थाओं से जूझ रहे किसानों का दर्द अमर उजाला ने शनिवार के अंक में 36 घंटे बाद भी नहीं हो पाई तौल शीर्षक खबर के जरिए उजागर किया था। खबर का संज्ञान लेकर रामगढ़ समिति के सचिव अखंड प्रताप सिंह ने शनिवार सुबह यार्ड का औचक निरीक्षण किया।
शौचालय, पेयजल व रैन बसेरे को देखा, जिसमें व्यवस्थाएं दुरुस्त नहीं थीं। इस पर मिल प्रशासन को कड़ी फटकार लगाते हुए समस्याओं का समाधान कराए जाने के लिए निर्देशित किया। इस मौके पर गन्ना विकास परिषद के पर्यवेक्षक दिनेश सिंह सचान, शिवम कुमार, मिल केन प्रबंधक जितेन्द्र अवस्थी, रामनरेश दीक्षित व विष्णु मिश्रा मौजूद थे।
अधिक इंडेंट की बात गलत
अधिक इंडेंट की बात गलत है। तीन नवंबर से दस नवंबर की सुबह 11 बजे तक पैंतालीस हजार इंडेंट रहे हैं। यार्ड का निरीक्षण का समस्याएं दूर कराने के निर्देश मिल प्रबंधन को दिए गए हैं।
– अखंड प्रताप सिंह, सचिव रामगढ़
जल्द दूर होगी समस्या
इंडेंट का मिलान कराया गया तो इंडेंट सही मिले। मिल में तकनीकी खराबी से तौल बाधित होने पर जाम के हालात बन गए हैं। अगले दो दिनों में व्यवस्थाएं दुरुस्त कराते हुए जाम की समस्या दूर करा दी जाएगी।
– यूके ठाकुर, महाप्रबंधक रामगढ़ चीनी मिल
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