कानपुर18 मिनट पहले
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आईआईटी के निदेशक अभय करंदीकर और राइस यूनिवर्सिटी के पदाधिकारी।
आईआईटी कानपुर और यूएसए की राइस यूनिवर्सिटी के बीच हुए पिछले समझौते के बेहतर परिणाम को देखते हुए उसे आगे बढ़ा दिया गया है। अब दोनों यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर शोध करने के साथ ही शिक्षा को बेहतर बनाएंगे। यहां के छात्र अब विदेश जाकर शोध व पढ़ाई कर सकेंगे और वहां के छात्र कानपुर आईआईटी से तकनीकि सीखेंगे।
आईआईटी कानपुर के निदेशक अभय करंदीक एमओयू पर हस्ताक्षर करते हुए और राइस यूनिवर्सिटी के पदाधिकारी।
दोनों यूनिवर्सिटी के ज्वाइंट रिसर्च से दुनिया भर को मिलेगा लाभ
निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने सोमवार को बताया कि आईआईटी के स्टूडेंट अब यूएसए में जाकर पढ़ाई करने के साथ शोध भी कर सकेंगे। इसको लेकर सोमवार को आईआईटी और राइस यूनिवर्सिटी यूएसए के अध्यक्ष प्रो. रेजिनल्ड डेरोस के बीच समझौता हुआ है। इस एमओयू के तहत दोनों संस्थान के स्टूडेंट इंजीनियरिंग, स्वास्थ्य सेवा, विज्ञान, मानविकी, प्रबंधन, व्यवसाय आदि क्षेत्र में संयुक्त रूप से शोध करने के साथ ही अपने एकेडमिक को आगे बढ़ा सकेंगे।
इसकी शुरुआत ऊर्जा, पर्यावरण, स्वास्थ्य देखभाल, जैव चिकित्सा विज्ञान, जैव चिकित्सा इंजीनियरिंग, डेटा विज्ञान, सूचना प्रौद्योगिकी, कंप्यूटर विज्ञान क्षेत्र में शोध के साथ होगा। राइस यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष रेजिनाल्ड डेसरोचेस ने कहा कि इस समझौते से दुनिया भर को सीधा लाभ मिलेगा।
इस मौके पर उप निदेशक प्रो. एस गणेश, प्रो. धीरेंद्र कट्टी, प्रो. सेइची मात्सुदा, प्रो. लुए नखलेह, प्रो. पुलिकेल अजयन आदि मौजूद रहे।
राइस यूनिवर्सिटी के पदाधिकारी और आईआईटी कानपुर के पदाधिकारी डायरेक्टर व अन्य।
ढाई साल से चल रही ज्वाइंट रिसर्च
आईआईटी के निदेशक ने बताया कि 2020 से दोनों यूनिवर्सिटी के बीच ज्वाइंट रिसर्च चल रहा है। स्टूडेंट केंद्र सतत ऊर्जा, सामग्री, पानी और वैकल्पिक ईंधन आदि पर शोध कर रहे हैं। अच्छे परिणाम को देखते हुए एमओयू को आगे बढ़ाया गया है। वैज्ञानिक सौर फोटोवोल्टिक, ऊर्जा भंडारण, वैकल्पिक ईधन, इलेक्ट्रोकैटलिसिस, जल उपचार व मेडिकल साइंस पर रिसर्च चल रहा है। इसके अच्छे परिणाम आने के चलते बड़ी सफलता की भी उम्मीद जताई जा रही है।
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