नीदरलैंड की एक अदालत ने 2014 में मलेशियाई विमान एमएच-17 के दुर्घटनाग्रस्त होकर यूक्रेन में गिरने के मामले में दो रूसी नागरिकों और एक यूक्रेनी नागरिक को अनुपस्थिति में हत्या का दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। वहीं, एक रूसी नागरिकों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है। इस हादसे में विमान में सवार यात्रियों और चालक दल के सदस्यों को मिलाकर कुल 298 लोगों की मौत हुई थी।
मुकदमे की सुनवाई कर रही पीठ के प्रमुख न्यायाधीश हेंड्रिक स्टीन्हुइस ने कहा कि दो साल से ज्यादा लंबी सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष द्वारा पेश सबूतों से साबित होता है कि एम्सट्रडैम से कुआलालंपुर जा रहा बोईंग 777 विमान 17 जुलाई, 2014 को मॉस्को का समर्थन करने वाली यूक्रेनी विद्रोहियों द्वारा दागी गई ‘बक’ मिसाइल का निशाना बना था। दुर्घटना के बाद विमान का मलबा और लोगों के शव सूरजमुखी सहित अन्य फसलों की खेतों में बिखर गए थे।
2020 में शुरू हुई थी सुनवाई
यूक्रेन पर रूस के हमले को लेकर दुनिया भर में जारी वाद-विवाद के बीच अदालत ने यह भी कहा कि विमान पर हमला यूक्रेन के पूर्वी हिस्से से किया गया था और वहां मौजूद ‘दोनेत्स्क पीपुल्स रिपब्लिक’ पर रूस का पूरा नियंत्रण था। मार्च, 2020 में शुरू हुई इस मुकदमे की सुनवाई में बचावपक्ष से कोई पेश नहीं हुआ और उन्हें सजा सुनाई जाने के बावजूद इसकी संभावना बहुत कम है कि निकट भविष्य में वे अपनी सजा काटेंगे। अभियोजन ने चारों के लिए उम्रकैद की सजा की मांगी थी। अभियोन पक्ष और आरोपियों के पास ऊपरी अदालत में अपील करने के लिए दो सप्ताह का समय है।
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