Edited By Mamta Yadav, Updated: 18 Nov, 2022 12:17 AM
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने भ्रष्टाचार के आरोपी तथा भारतीय पुलिस सेवा के निलंबित अधिकारी मणिलाल पाटीदार को तकनीकी आधार पर पूछताछ के लिए हिरासत में देने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति बीआर सिंह की पीठ में पिछली 14 नवंबर को राज्य सरकार द्वारा…
लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने भ्रष्टाचार के आरोपी तथा भारतीय पुलिस सेवा के निलंबित अधिकारी मणिलाल पाटीदार को तकनीकी आधार पर पूछताछ के लिए हिरासत में देने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति बीआर सिंह की पीठ में पिछली 14 नवंबर को राज्य सरकार द्वारा दाखिल पुनरीक्षण याचिका पर यह आदेश पारित किया।
अब अभियुक्त को हिरासत में नहीं दिया जा सकता…अदालत
अदालत ने कहा कि विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम) की अदालत ने पूछताछ के लिए पाटीदार को पुलिस हिरासत में नहीं देकर चूक की थी मगर अब अभियुक्त को इस समय हिरासत में नहीं दिया जा सकता क्योंकि अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 167 (दो) न्यायिक अभिरक्षा की 15 दिन की अवधि के बाद अभियुक्त को पुलिस हिरासत में देने पर रोक लगाती है और यह अवधि 13 नवंबर 2022 को बीत चुकी है। राज्य सरकार ने पिछली नौ नवंबर को विशेष अदालत द्वारा पाटीदार को पूछताछ के लिए पुलिस की हिरासत में नहीं दिए जाने के फैसले को चुनौती देते हुए पुनरीक्षण याचिका दाखिल की थी।
उच्च न्यायालय ने हालांकि राज्य सरकार को कानून के दायरे में रहते हुए कोई न्याय संगत अन्य विधिक कार्यवाही करने की अनुमति दी है। पाटीदार ने महोबा में एक व्यवसाई की संदिग्ध हालात में मौत के मामले में पिछली 15 अक्टूबर को अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था। बाद में उसे 29 अक्टूबर को न्यायिक हिरासत में लिया गया था। पुलिस ने चार नवंबर को उसे रिमांड पर लेने के लिए अर्जी दाखिल की थी। विशेष अदालत भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम ने इस पर सुनवाई के लिए नौ नवंबर की तारीख तय की थी। सुनवाई के दिन विशेष अदालत ने पुलिस की अर्जी को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि उसने यह नहीं बताया है कि वह पाटीदार को कितने दिनों के लिए रिमांड पर लेना चाहती है।
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