लखनऊ: उत्तर प्रदेश में ट्रैक्टर-ट्रॉली हादसे के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ सख्त हो गए हैं। सीएम योगी ने ट्रॉली के पंजीकरण और तकनीकी मानकों के लिए समिति गठित कर दी है। इस समिति में 5 सदस्य होंगे, जो इन मानकों की जांच करेंगे। वहीं, ट्रैक्टर का तो लोग पंजीकरण करा लेते हैं, लेकिन ट्रॉली का पंजीकरण नहीं कराते हैं, जबकि नियमानुसार ट्रॉली का भी पंजीकरण कराना होता है। जिन ट्रॉलियों का पंजीकरण है भी तो वो कृषि उपयोग के लिए है, लेकिन लोग उसका उपयोग अन्य कामों में किया जा रहा है।
26 सितंबर को लखनऊ के इंटौजा में ट्रैक्टर-ट्रॉली ताबाल में पलट गई थी, जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई थी। फिर इसके बाद कानपुर में 1 अक्टूबर की शाम को ट्रैक्टर-ट्रॉली हादसा हो गया था, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई थी। सीएम योगी आदित्यनाथ हैलट अस्पताल पहुंचे थे और घायलों का हाल जाना था। इसके बाद गांव भी पहुंचे थे। कानपुर हादसे के बाद सीएम योगी ट्रैक्टर-ट्रॉली को लेकर सख्त हो गए हैं। उन्होंने इसका उपयोग कृषि के लिए करने की अपील भी की है। साथ ही सीएम योगी ने परिवहन विभाग को कड़े निर्देश देते हुए ट्रॉली के पंजीकरण समेत अन्य तकनीकी मानकों के निर्धारण के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है।
परिवहन अधिकारियों का कहना है कि केंद्रीय मोटर यान नियमावली 1989 में कृषि कार्य में उपयोग के लिए ट्रॉली के पंजीयन के संपूर्ण प्रविधान उपलब्ध नहीं है। अधिकारियों ने कहा कि जब तक केंद्र की ओर से प्रविधान निर्गत नहीं होते, तब तक राज्य स्तर पर ट्रॉली के पंजीयन, ट्रॉली निर्माण के लिए मानकों का निर्धारण, उपयोग और निर्माण में सड़क सुरक्षा मानकों को सम्मिलित किए जाने जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर स्पष्ट दिशा-निर्देश तैयार करने के लिए समिति का गठन किया गया है।
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