वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज कहा कि चार्टर्ड अकाउंटेंटों की स्वतंत्रता और वित्तीय परिणामों की विश्सनीयता स्थापित करना सर्वोच्च प्राथमिकता का विषय है। उन्होंने कहा कि इससे न सिर्फ शेयरधारकों के प्रति जवाबदेही सुनिश्चित होती है, बल्कि वित्तीय संस्थानों, सरकार और खुदरा निवेशकों के बीच विश्वसनीयता कायम होती है। सीतारमण ने कहा कि ऑडिट रिपोर्ट सार्वजनिक दस्तावेज होतीहैं, जिससे वैधानिक फाइलिंग होती है और इन पर हिस्सेदारों का भरोसा होता है।
वर्ल्ड कांग्रेस आफ अकाउंटेंट्स में सीतारमण ने कहा, ‘अकाउंटेंटों को निश्चित रूप से उचित और पारदर्शी गतिविधि का पालन सुनिश्चित करने की जरूरत है।’ उन्होंने कहा कि अगर अकाउंटिंग का पेशा अगर नैतिक होगा और इसे सावधानीपूर्वक किया जाएगा तो विभिन्न हिस्सेदार इसका लाभ उठा सकेंगे।
वित्त मंत्री ने कहा कि विश्व इस समय प्रवाह की ओर है क्योंकि तमाम चुनौतियां पहली बार सामने आई हैं। ऐसे में संयुक्त राष्ट्र संघ या बहुराष्ट्रीय विकास बैंक जैसे बहुराष्ट्रीय संगठन अपने को 21वीं सदी के मुताबिक ढालने में लगे हैं, जो बहुत चुनौतीपूर्ण है। सततता को लेकर मंत्री न कहा कि हम अपनी जीवन शैली बदलती देख रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘सततता के 3 स्तंभ हैं- सामाजिक, पर्यावरण और आर्थिक।
यह व्यक्तियों, ग्रह और मुनाफे तक जाते हैं। ऐसे में इसके मुताबिक सिद्धांत बना, रिपोर्टिंग मानकों में सततता लाना बहुत अहम है।’ वित्त मंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग मानक (आईएफआरएस) फाउंडेशन द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्थिरता मानक बोर्ड का गठन स्वागत योग्य कदम है, जो रिपोर्टिंग मानक की एकरूपता स्थापित करेगा।
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