नई दिल्ली/टीम डिजिटल। दिल्ली मेट्रो में अब सुरंग निर्माण के दौरान 5जी तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस तकनीक में गैस, किसी अनहोनी सहित कई पहलुओं का आकलन मशीन द्वारा पहले ही किया जा सकता है जिससे श्रमिकों को होने वाली किसी भी समस्या से निपटने का समय मिल सकेगा। हांलाकि इससे पहले मेट्रो के तीन चरण में इतनी आधुनिक तकनीक उपलब्ध नहीं थी।
जबकि तीसरे चरण के निर्माण के दौरान डीएमआरसी के सामने कई इंजीनियरिंग चुनौतियां रहीं हैं मसलन अरावली रेंज से नीचे सुरंग निर्माण। कठोर चट्टानों के बीच लाइन का निर्माण, धौला कुंआ में चलती हुई एयरपोर्ट लाइन के बीच निर्माण। कश्मीरी गेट, हौज खास स्टेशनेां पर ट्रिपल इंटरचेंज के साथ-साथ पर्यावरण का भी ध्यान रखना।
दिल्ली मेट्रो के सबसे छोटे स्टेशन आश्रम का निर्माण सहित कई तकनीकी समस्याओं के बीच तीसरे चरण को पूरा किया गया है और इसी पर आधारित एक फिल्म को हाल ही में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने भी गैर फीचर श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ प्रचार फिल्म के लिए रजत पुरस्कार प्रदान किया।
दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) के प्रधान कार्यकारी निदेशक अनुज दयाल बताते हैं कि इस फिल्म में कई पहलू ऐसे हैं जो मेट्रो इंजीनियर्स के काम का लोहा मनवाते हैं। सतीश पांडे के निर्देशन में यह फिल्म बताती है कैसे दिल्ली में मेट्रो ने हर मंजिल को छूकर उपलब्धियां अपने नाम लिखी हैं।
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