नागपुर. राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विवि में प्राध्यापकों से वसूली करना गंभीर मामला है. कुछ प्राध्यापकों से उनके खिलाफ शिकायत होने का डर दिखाकर जनसंवाद विभाग के प्रा. धर्मेश धनवकर ने धोखाधड़ी की है. इस संबंध में शनिवार को विधान परिषद की उपसभापति नीलम गोर्हे ने उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल को पत्र भेजा है. इसमें प्रा. धवनकर को जल्द निलंबित करने की मांग की गई है.
पत्र के माध्यम से गोरहे ने सवाल किया कि जब 7 विभाग प्रमुखों ने कोई गलती ही नहीं की थी तो फिर डर के मारे लाखों रुपये क्यों दिये. प्राध्यापक वसूली करने वाले धवनकर से घबराये बिना पुलिस में शिकायत कर सकते थे लेकिन डर की वजह से रकम क्यों दी, इस बारे में भी पूछताछ होना अनिवार्य है. मामले की गहराई से जांच होने की जरूरत है. इससे पहले भी विवि में कुछ छात्राओं का शोषण कर उनसे रकम वसूलने का भी मामला उजागर हुआ था लेकिन उसे भी दबा दिया गया.
धवनकर ने २०१८ से २०२० के बीच स्नातकोत्तर विभागों के 7 प्राध्यापकों से 15 लाख 50 हजार रुपये वसूले. सातों प्राध्यापकों ने गोर्हे के साथ ही उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से भी शिकायत की है. तत्काल धवनकर को निलंबित किया जाये. साथ ही मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन करने की भी मांग की है. इस संबंध में गोर्हे जल्द ही वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक भी लेने वाली है.
उपकुलपति की खामोशी पर भी सवाल
नीलम गोर्हे की शिकायत के बाद अब मामला गंभीर हो गया है. इसके बावजूद धवनकर खुलेआम घूम रहा है. विवि प्रशासन स्पष्टीकरण के लिए वक्त भी दे रहा है. इसको लेकर भी सवाल उपस्थित किये जा रहे हैं. विवि द्वारा मामले की जांच के लिए जल्द समिति गठित की जानी चाहिए थी. साथ ही अंबाझरी पुलिस द्वारा मांगी गई जानकारी दी जानी चाहिए थी लेकिन उपकुलपति नियमों का हवाला देकर शांत बैठे हुये हैं. इस बीच धवनकर समर्थक मामले को दबाने के लिए तरह-तरह के प्रयासों में भी लगे हुये हैं.
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