गोरखपुर, जागरण संवाददाता। भारत गौरव ट्रेनें आधुनिक लिंक हाफमैन बुश (एलएचबी) कोचों से चलेंगी। भारत गौरव ट्रेन के प्रति लोगों का रुझान बढ़ाने के लिए रेलवे बोर्ड ने रेक संरचना में बदलाव करते हुए पुराने (परंपरागत या आइसीएफ) कोचों की जगह एलएचबी के उपयोग का निर्णय लिया है। ताकि, पर्यटकों को अतिरिक्त सुविधाएं भी मिल सकें।
रुझान बढ़ाने के लिए बोर्ड ने किया ट्रेन की रेक संरचना में बदलाव
नीतियों, किराया और पंजीकरण शुल्क आदि की समीक्षा के बाद रेलवे बोर्ड ने भारत गौरव ट्रेनों में एलएचबी कोचों के उपयोग को लेकर सभी क्षेत्रीय महाप्रबंधकों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। अब संचालन के नाम पर लगने वाला पंजीकरण शुल्क वापस नहीं होगा। रेल मंत्रालय ने पिछले साल नवंबर में पुराने कोचों से 190 भारत गौरव ट्रेनों को चलाने की घोषणा की थी। रेलवे बोर्ड के दिशा-निर्देश पर जन भागीदारी बढ़ाने के लिए पूर्वोत्तर रेलवे सहित सभी क्षेत्रीय रेलवे स्तर पर बिजनेस डवलपमेंट यूनिट को जिम्मेदारी सौंप दी गई।
एक साल में किसी ने नहीं बुक की ट्रेन
इंडियन रेलवे के वेबसाइट पर भारत गौरव ट्रेन नाम से पोर्टल भी जारी कर दी गई। इसे कठिन शर्त कहें या विभिन्न प्रकार के शुल्क, लगभग एक वर्ष पूरे हो गए लेकिन भारत गौरव ट्रेन के संचालन के लिए पूर्वोत्तर रेलवे को एक भी आवेदन नहीं मिले। यही स्थिति लगभग अन्य क्षेत्रीय रेलवे की भी रही। कुछ क्षेत्रीय रेलवे में गिनती की भारत गौरव ट्रेनें चलाई गईं। लोगों की उदासीनता के चलते बिजनेस डवलपमेंट यूनिट, संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों ने इस ट्रेन को लेकर प्रयास करना भी छोड़ दिया है।
कोई भी व्यक्ति, सोसाइटी, ट्रस्ट, टूर आपरेटर व राज्य सरकार भी चला सकती हैं भारत गौरव ट्रेनें
दरअसल, ट्रेनों के संचालन में आम लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए रेल मंत्रालय ने पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के उद्देश्य से देशभर के धार्मिक और पर्यटक स्थलों के बीच भारत गौरव ट्रेन चलाने की योजना तैयार की है। जो इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कार्पोरेशन (आइआरसीटीसी) की भारत दर्शन यात्रा ट्रेन की तर्ज पर चलाई जानी है। रेल लाइन, लोको पायलट और गार्ड तो रेलवे के होंगे। लेकिन कोच और संचालन के अलावा अन्य जिम्मेदारी व्यक्ति या संस्था की होगी। कोई भी व्यक्ति, सोसाइटी, ट्रस्ट, टूर आपरेटर, राज्य सरकार इन ट्रेनों के लिए आवेदन कर सकती हैं।
Edited By: Pradeep Srivastava
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