Publish Date: | Wed, 23 Nov 2022 03:48 PM (IST)
Indore Ke Shilpi इंदौर। मध्य प्रदेश सोयाबीन उत्पादक राज्य है और यहां के खेतों में उगा सोयाबीन पूरे भारत से लेकर विदेश तक में निर्यात होता रहा है। सरकार के दृष्टिकोण से यह एक रुटीन बात है, लेकिन इंदौर के एक दूरदृष्टा उद्योगपति के नजरिए से है कमाल का मौका। इस उद्योगपति ने इस मौके को बड़े सोया उद्योग में बदला और इंदौर का सोया भाग्य जगा दिया।
आइए आज आपको मिलवाते हैं इंदौर के प्रतिष्ठित उद्योगपति और द सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (सोपा) के सचिव गिरीश मतलानी से । ये करीब 45 वर्षों से उद्योग जगत से जुड़े हुए हैं। अपने व्यवसाय में नवाचार की बात हो या सामाजिक कार्यों की, उन्होंने हर क्षेत्र में अपना योगदान दिया है। जिस समय दुनियाभर में सोया खाद्य सामग्री के लिए ज्यादातर देशों को यूरोप और अमेरिका जैसे देशों पर निर्भर रहना पड़ता था, उस समय इस क्षेत्र में भारत में सोया संबंधी उद्योग शुरू करने का श्रेय मतलानी परिवार को जाता है।
सोया खाद्य सामग्री और अन्य ऐसे उत्पाद गिरीश मतलानी की कंपनी ने तैयार किए, जिससे अब भारत की तो जरूरतें पूरी हो ही रही हैं, दुनिया के 60 देशों में सामग्री निर्यात भी की जा रही है। उन्होंने भारत में ऐसी सामग्री तैयार की जिसकी जरूरत बेकरी, चाकलेट क्षेत्र में तो है ही, मेडिकल क्षेत्र में भी इसका भरपूर उपयोग हो रहा है। मतलानी इन्हें भारत में तैयार करने के लिए आठ पेटेंट भी प्राप्त कर चुके हैं। वे कहते हैं- ‘2003 में हमारा व्यवसाय करीब 30 करोड़ का था, लेकिन अब एक हजार करोड़ रुपये के आसपास पहुंच चुका है।
सोपा (सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन आफ इंडिया) में रहते हुए किसानों के हित को हमेशा आगे रखा और उनकी फसलों का उत्पादन बढ़ाने में सहयोग दिया। सोयाबीन की कई नई किस्मों पर कार्य करने के साथ ही राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आइल की कीमतों में आ रहे अंतर से आम जन, किसानों और व्यापारियों को नुकसान न हो, इसका भी ध्यान रख रहे हैं।
यह मतलानी के प्रयास ही हैं कि भारत से बाहर के देशों में सबसे ज्यादा सोया खाद्य सामग्री निर्यात करने के मामले में भी कई बार राष्ट्रीय अवार्ड मिल चुके हैं। वे कृषि डेवलपमेंट प्रोजेक्ट पर भी कार्य कर रहे हैं। इसके तहत उनकी टीम किसानों तक जाती है और फसल का उत्पादन बढ़ाने के लिए मार्गदर्शन देती है। यह कार्य सात साल से जारी है। उनकी उपस्थिति ने इंदौर को सोया क्षेत्र में खूब नाम दिया है। वे सच्चे मायने में इंदौर के शिल्पी हैं।
कर चुके दस करोड़ के सामाजिक कार्य
गिरीश मतलानी जानते हैं कि हमारे शास्त्रों ने अपनी आय में से एक निश्चित हिस्सा धर्म व सेवाकार्यों में लगाने का संदेश दिया है। अत: वे बच्चों को निश्शुल्क शिक्षा प्रदान करने, जरूरतमंद मरीजों का उपचार या आपरेशन करवाने का पुण्य कार्य करते हैं। इंदौर के वृद्धाश्रम हों या उज्जैन स्थित सेवाधाम, वे सदैव हरसंभव सहायता देते हैं। इंदौर में उनके पटेल नगर स्थित मतलानी गार्डन में केवल दस रुपये में 15 दिन की दवाई दी जाती है। वे सामाजिक कार्यों में बीते दस वर्ष में करीब दस करोड़ रुपये दे चुके हैं।
Posted By: Sameer Deshpande
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