एक अच्छा जीवन जीने के लिए आदमी को दो चीजों की जरूरत होती है, पहली हेल्थ और दूसरी वेल्थ. हेल्थ इंश्योरेंस एक ऐसा जरिया है, जो आपकी हेल्थ और वेल्थ दोनों का अच्छे से ख्याल रखता है.
Five Reasons To Buy Medical Insurance: जब एक अच्छा जीवन जीने की बात आती है, तो दो चीजे सबसे ज्यादा अहम हो जाती हैं, पहली हेल्थ और दूसरी वेल्थ. हेल्थ इंश्योरेंस एक ऐसा जरिया है, जो आपकी हेल्थ और वेल्थ दोनों का अच्छे से ख्याल रखता है. लेकिन हमारे देश में यह एक बहुत बड़ी गलत धारणा है कि युवाओं को हेल्थ इंश्योरेंस की क्या जरूरत है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार हर साल लगभग 5.8 मिलियन लोग गैर-संचारी रोगों (NCD) से मरते हैं. इसका मतलब यह है कि चार भारतीयों में से प्रत्येक को सत्तर वर्ष की आयु से पहले एनसीडी जैसे घातक जोखिम का सामना करना पड़ता है. युवा आबादी एनसीडी से अछूते नहीं है, क्योंकि यह बीमारी सभी आयु वर्ग के लोगों को अपना शिकार बनाती है. बदलती जीवन शैली, काम करने में शारारिक श्रम की कमी और बढ़ता पर्यावरण प्रदूषण NCD रोगों के बढ़ने का एक अहम कारण है.
हेल्थ इंश्योरेंस के प्रति नहीं है जागरुकता
बीएमसी हेल्थ सर्विसेज द्वारा की गई एक रिसर्च से पता चला है कि भारत में हेल्थ पर कुल 63% खर्च जेब से किया जाता है यानी अधिकांश भारतीयों को अपने इलाज के लिए अपनी बचत को खर्च करना पड़ता है और कभी-कभी तो मेडिकल खर्च के लिए व्यक्ति को अपना घर तक बेचना पड़ जाता है. ऐसी ही स्थिति से बचने के लिए ही हेल्थ इंश्योरेंस कराया जाता है, क्योंकि हेल्थ इंश्योरेंस में अधिकांश मेडिकल खर्च को कवर किया जाता है.
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एक हेल्दी लाइफ स्टाइल के लिए व्यक्ति को हेल्थ इंश्योरेंस लेना चाहिए, ताकि आप बिना किसी समझौते के अपनी हेल्थ और मेडिकल खर्च उठा सकें. ऐसे में कई बार सवाल खड़ा होता है कि क्या हेल्थ इंश्योरेंस लेने के लिए वृद्ध होने या किसी बीमारी से पीड़ित होने का इंतजार करना चाहिए? आज हम आपको ऐसे की कुछ सवालों के जवाब तलाशने में मदद करेंगे. साथ ही आपको बताएंगे कि क्यों 40 साल की उम्र से पहले हेल्थ इंश्योरेंस लेना चाहिए?
कम प्रीमियम
हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम उम्र और हेल्थ रिस्क समेत कई कारकों पर निर्भर करता है. ज्यादा उम्र के लोगों की तुलना में युवा लोगों में हेल्थ रिस्क कम होता है. यह इंश्योरेंस कंपनी की देयता को भी कम करता है, अगर आप कम उम्र में हेल्थ इंश्योरेंस का विकल्प चुनते हैं, तो इसके लिए आपको कम प्रीमियम का भुगतान करना होगा.
वेटिंग टाइम पर नियंत्रण
सभी हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में पहले से मौजूद बीमारियों और कुछ विशिष्ट बीमारियों के लिए अलग-अलग वेटिंग टाइम होता है, जो आमतौर पर 12 से 48 महीनों तक हो सकता है. क्योंकि कम उम्र में हेल्थ रिस्क अन्य आयु वर्ग के मुकाबले कम होता है. इसलिए आप बिना कोई दावा किए आसानी से वेटिंग टाइम को पार कर सकते हैं. इसके साथ ही आप इस समय को निकाल सकते हैं, लेकिन अगर आप किसी बीमारी से जूझ रहे हैं, तो आप वेटिंग टाइम को गुजरे बिना ही क्लेम कर सकते हैं.
कॉर्पोरेट कवर पर्याप्त नहीं
अधिकांश लोग सोचते हैं कि एक कॉर्पोरेट नीति उनकी और उनके परिवार की मेडिकल जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त है, लेकिन कई कॉर्पोरेट नीतियां डिफ़ॉल्ट रूप से केवल मुख्य वेतन अर्जक (सीडब्ल्यूई) को कवर करती हैं और उनके परिवार के सदस्यों को केवल अतिरिक्त प्रीमियम के भुगतान के बाद ही इंश्योरेंस कवर दिया जाता है. ऐसे में अगर आप जॉब बदलते हैं तो कंपनी द्वारा आपके इंश्योरेंस कवर को तत्काल रुप से हटा लिया जाता है.
नो क्लेम बोनस
यह एक आकर्षक विशेषता है जो पॉलिसी होल्डर को कोई दावा न करने के लिए प्रोत्साहित करती है. दूसरे शब्दों में कहे तो अगर पॉलिसी होल्डर किसी पॉलिसी वर्ष के दौरान कोई दावा नहीं करता है, तो इंश्योरेंस कंपनी इंश्योरेंस की राशि का एक निश्चित प्रतिशत नो क्लेम बोनस के रूप में प्रदान करती हैं. जो बाद में कुल इंश्योरेंस की कुल राशि में जुड़ जाएगा. कम उम्र में हेल्थ प्रॉब्लम की समस्या कम ही होती है, ऐसे में आप नो क्लेम बोनस का फायदा उठा सकते हैं. इसे अपनी मौजूदा बीमा राशि के साथ जमा कर सकते हैं और अपनी आवश्यकता के समय इसका इस्तेमाल कर सकते हैं.
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हेल्दी रहने की प्रेरणा
हमारी रोजमर्रा की लाइफ स्टाइल ऐसी है, जिसमें अधिकांश लोग अपने लिए बिल्कुल भी समय नहीं निकालते हैं. ऐसे में ज्यादातर लोग किसी न किसी मोटिवेशन या धक्के से ही आगे बढ़ते हैं. इसी को देखते हुए कई हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां पॉलिसी होल्डर्स के लिए वेलनेस कार्यक्रमों चलाती है.
यह प्रोग्राम उन लोगों को प्रेरित करता है, जो हेल्थ के रूप में इंश्योरेंस कंपनी से रिवॉर्ड प्वॉइंट हासिल करते हैं. इन रिवॉर्ड प्वॉइट्स को प्रीमियम भुगतान के दौरान छूट के रूप में भुनाया जा सकता है. ऐसे में छोटी उम्र में वेलनेस बेनिफिट्स के साथ हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने से फिट रहने की आदत पैदा होती है, जिसका आपकी हेल्थ और वेल्थ दोनों पर ही पॉजिटिव असर रहेगा.
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