पतझड़ जैसे जीवन को तुम गुलशन से
हो सजाती
तुम ना होती तो यह दुनिया पानी पानी
हो जातीकरो नहीं अपमान कभी भी इस प्रकृति सुंदरी
बाला का
मां बेटी बहन पत्नी दुनिया का हर किरदार
निराला साए ही है जग की हर रौनक इनसे हर घर में
है छन छन
चलो बचाए इन कलियों को टूटे ना कोई
घर आंगनए हि दुर्गा ए ही लक्ष्मी ए हि संसार
बनाती हैं
सदा करो इनका तुम वंदन ए ही दुनिया
चलाती हैपूज्यनीय है यह दुनिया में वात्सल्य
है इनका जीवन
वासना के चक्कर में पड़कर करो नहीं
इनका मर्दन- कृष्ण कुमार अग्रहरि सरल
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58 minutes ago
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