लखनऊ, विधि संवाददाता। राजधानी के जियामऊ इलाके में निष्क्रांत संपत्ति पर फर्जी दस्तावेजों के जरिये कब्जा कर मकान का अवैध निर्माण कराने के एक मामले में वांछित आरोपित उमर अंसारी की अग्रिम जमानत अर्जी सत्र अदालत ने खारिज कर दी है। जिला जज संजय शंकर पांडेय ने प्रथम दृष्टया आरोपित के अपराध को गंभीर करार दिया है।
अब्बास अंसारी का भाई है उमर
उमर अंसारी विधायक अब्बास अंसारी का भाई व पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी का बेटा है। इस मामले में अब्बास अंसारी व मुख्तार अंसारी भी आरोपित हैं। 16 अगस्त को मुख्तार अंसारी के विरुद्ध आरोप भी तय हो चुका है। फौजदारी के जिला शासकीय अधिवक्ता मनोज त्रिपाठी के मुताबिक इन सबके खिलाफ साजिश, धोखाधड़ी व कूटरचना के साथ ही सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम की धारा 3 में आरोप पत्र दाखिल हुआ था।
फर्जी दस्तावेजों से करवाया अवैध मकान का निर्माण
27 अगस्त, 2020 को इस मामले की एफआइआर प्रभारी लेखपाल सुरजन लाल ने दर्ज कराई थी। इसके मुताबिक राजधानी के जियामऊ इलाके की एक निष्क्रांत जमीन पर फर्जी दस्तावेजों के जरिये व अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर अभियुक्तों ने अवैध रूप से मकान का निर्माण कराया। इन्होंने एक साजिश के तहत मकान का नक्शा पास कराया और करोड़ों की सरकारी संपत्ति का नुकसान करते हुए जमीन को हड़प लिया।
Edited By: Anurag Gupta
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