प्रयागराज, जेएनएन। राजधानी लखनऊ और वाराणसी, कानपुर की तरह आज शुक्रवार को प्रयागराज में भी पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने की मंजूरी शासन ने दे दी है। कानून-व्यवस्था के लिहाज इसे बेहद अहम माना जा रहा है। इस व्यवस्था से न केवल पुलिसिंग बदल जाएगी, बल्कि संगठित अपराध और अपराधियों के खिलाफ तेजी से कार्रवाई हो सकेगी।
आठ आइपीएस हो सकते हैं सिटी एरिया में
बताया जाता है कि कमिश्नर प्रणाली का खाका तैयार कर रिपोर्ट पहले ही शासन को भेजी जा चुकी थी। तब तय किया गया था कि शहर के पुलिस थानों के अलावा गंगापार के झूंसी, फाफामऊ और यमुनापार के नैनी थाने को शामिल किया जाएगा। हालांकि शुरुआत में गंगापार व यमुनापार के क्षेत्रफल व भौगोलिक स्थित के आधार पर कुछ अड़चन आई थी, जिसे व्यवस्थित कर लिया गया है। शहरी क्षेत्र में भी करीब आठ आइपीएस की तैनाती होगी। इससे कार्यशैली में भी बदलाव देखने को मिल सकता है।
पुलिस के बढ़ जाएंगे अधिकार
कमिश्नर प्रणाली में पुलिस के अधिकार बढ़ जाएंगे। कानून-व्यवस्था से जुड़े मुद्दों पर कमिश्नर निर्णय ले सकेंगे। एडीएम, एसडीएम जैसी मजिस्ट्रीरियल पावर भी उनके पास रहेगी। इसमें उन्हें सीआरपीसी की धारा 151, 107-116 के तहत कार्रवाई करने, गुंडा व गैंगस्टर लगाने का अधिकार भी मिल जाएगा। इसके अतिरिक्त आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रशासनिक अधिकारी के आदेश का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। धरना, प्रर्दशन, जुलूस की अनुमति भी पुलिस ही देगी।
बदल जाएंगे पदनाम
कमिश्नर प्रणाली लागू होने पर क्षेत्राधिकारी, प्रभारी निरीक्षक के पदनाम बदल जाएंगे। कमिनिस्ट्रेट के मुखिया पुलिस कमिश्नर (सीपी) होंगे। जबकि उनके अधीनस्थ ज्वाइंट कमिश्नर (जेसीपी), डिप्टी कमिश्नर (डीसीपी), एडिशनल डिप्टी कमिश्नर (एडीसीपी), असिस्टेंट कमिश्नर (एसीपी), पुलिस इंस्पेक्टर (पीआइ) और सब इंस्पेक्टर (एसआइ) के पद रहेंगे।
Edited By: Ankur Tripathi
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