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जौनपुर। सांप्रदायिक सद्भाव को कायम रखने में अहम भूमिका निभाती आ रही हैं। बच्चों की पहली शिक्षक उनकी मां होती है। बचपन से ही सांप्रदायिक सद्भाव का पाठ महिलाएं अपने बच्चों को देती रहती हैं। ये बातें कुलपति प्रो.निर्मला एस मौर्य ने सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने में महिलाओं की भूमिका विषयक कार्यशाला में कही।
कार्यशाला का आयोजन वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के व्यवसाय प्रबंधन विभाग और भारत सरकार के राष्ट्रीय सांप्रदायिक सद्भाव प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वाधान में शुक्रवार को किया गया। कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में कुलपति प्रो.निर्मला एस मौर्य ने कहा किे घरवालों, पड़ोसियों व समाज के बीच सांप्रदायिक सद्भाव बनाने में महिलाएं हमेशा अग्रसर होती है।
संयोजक प्रो.मुराद अली ने कहा कि यह कार्यशाला सभी धर्मों का संगम है, जिसमें हर धर्म की एक महिला वक्ता अपने विचारों से सांप्रदायिक सद्भाव का ताना बाना बुना है। अंग्रेजी विभाग की अध्यक्ष प्रो.वंदना दुबे ने कहा कि महिलाओं ने अपने कलम एवं साहित्य से सद्भाव को कायम रखने योगदान देती रहीं हैं। इस दौरान मोहम्मद हसन पीजी कालेज के व्यवसाय प्रबंधन विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर समरीन तबस्सुम,सेंट जॉन्स स्कूल की शिक्षक सिस्टर जानिटा ने विचार व्यक्त किये।
इस मौके पर प्रो.बीडी शर्मा, डॉ.विनय वर्मा, डॉ.आरिफा, डॉ.प्रमेंद्र विक्रम सिंह, डॉ.सैफुल हक, डॉ.राकेश उपाध्याय, अबू सालेह, राजेश कुमार, मोहित भटिआ, नेहा विश्वकर्मा आदि उपस्थित रहे। संचालन प्रांकुर शुक्ला व आभार मोहम्मद सहाबुद्दीन ने व्यक्त किया।
जौनपुर। सांप्रदायिक सद्भाव को कायम रखने में अहम भूमिका निभाती आ रही हैं। बच्चों की पहली शिक्षक उनकी मां होती है। बचपन से ही सांप्रदायिक सद्भाव का पाठ महिलाएं अपने बच्चों को देती रहती हैं। ये बातें कुलपति प्रो.निर्मला एस मौर्य ने सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने में महिलाओं की भूमिका विषयक कार्यशाला में कही।
कार्यशाला का आयोजन वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के व्यवसाय प्रबंधन विभाग और भारत सरकार के राष्ट्रीय सांप्रदायिक सद्भाव प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वाधान में शुक्रवार को किया गया। कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में कुलपति प्रो.निर्मला एस मौर्य ने कहा किे घरवालों, पड़ोसियों व समाज के बीच सांप्रदायिक सद्भाव बनाने में महिलाएं हमेशा अग्रसर होती है।
संयोजक प्रो.मुराद अली ने कहा कि यह कार्यशाला सभी धर्मों का संगम है, जिसमें हर धर्म की एक महिला वक्ता अपने विचारों से सांप्रदायिक सद्भाव का ताना बाना बुना है। अंग्रेजी विभाग की अध्यक्ष प्रो.वंदना दुबे ने कहा कि महिलाओं ने अपने कलम एवं साहित्य से सद्भाव को कायम रखने योगदान देती रहीं हैं। इस दौरान मोहम्मद हसन पीजी कालेज के व्यवसाय प्रबंधन विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर समरीन तबस्सुम,सेंट जॉन्स स्कूल की शिक्षक सिस्टर जानिटा ने विचार व्यक्त किये।
इस मौके पर प्रो.बीडी शर्मा, डॉ.विनय वर्मा, डॉ.आरिफा, डॉ.प्रमेंद्र विक्रम सिंह, डॉ.सैफुल हक, डॉ.राकेश उपाध्याय, अबू सालेह, राजेश कुमार, मोहित भटिआ, नेहा विश्वकर्मा आदि उपस्थित रहे। संचालन प्रांकुर शुक्ला व आभार मोहम्मद सहाबुद्दीन ने व्यक्त किया।
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