अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर बना नेपाल का द्वार। -संवाद
– फोटो : GONDA
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गोंडा। अंतर्राष्ट्रीय भारत-नेपाल सीमा पर छह करोड़ 49 लाख की लागत से मैत्री द्वार बनेगा। इसके लिए लोक निर्माण विभाग ने शासन को प्रस्ताव बनाकर भेजा है। सीमा पर नेपाल का द्वार तो बना है, लेकिन भारत का कोई द्वार नहीं था। मंडल के मुख्य अभियंता की समिति ने रिपोर्ट सीएम के निर्देश पर तैयार की है। मैत्री द्वार बहराइच के रूपईडीहा में अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर बनाया जाएगा। शनिवार को शासन को रिपोर्ट और प्रस्ताव भेजा गया है।
बीते सात जून को सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई बैठक में भारत-नेपाल की सीमा पर बहराइच जिले के रुपईडीहा कस्बे में मैत्री द्वार निर्माण की बात तय हुई थी। दोनों देशों की सीमा के एनएच 28 सी के करीब मैत्री द्वार का निर्माण करने की रणनीति बनी। बार्डर एरिया में नेपाल का द्वार बना है, लेकिन भारत का एरिया सूना दिख रहा है। इसके दूर करने के लिए खाका तैयार किया गया है।
मैत्री द्वार का निर्माण होने से वैश्विक पटल पर भारत की गरिमा बढ़ेगी। मैत्री द्वार के निर्माण का खाका पीडब्लूडी के इंजीनियरों ने खींचा है। छह करोड़ 49 लाख रुपये खर्च होने का अनुमान है। इसका प्रस्ताव मुख्य अभियंता ने शासन को भेजा है।
लोक निर्माण विभाग देवीपाटन मंडल के मुख्य अभियंता वीरेंद्र चौधरी ने बताया कि भारत-नेपाल सीमा पर मैत्री द्वार का निर्माण मुख्यमंत्री की प्राथमिकता में शामिल है। प्रस्ताव बनाकर भेज दिया गया है। स्वीकृति मिलते मैत्री द्वार का निर्माण शुरू करा दिया जाएगा। अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर द्वार बनने से भारत की छवि अलग दिखेगी।
गोंडा। अंतर्राष्ट्रीय भारत-नेपाल सीमा पर छह करोड़ 49 लाख की लागत से मैत्री द्वार बनेगा। इसके लिए लोक निर्माण विभाग ने शासन को प्रस्ताव बनाकर भेजा है। सीमा पर नेपाल का द्वार तो बना है, लेकिन भारत का कोई द्वार नहीं था। मंडल के मुख्य अभियंता की समिति ने रिपोर्ट सीएम के निर्देश पर तैयार की है। मैत्री द्वार बहराइच के रूपईडीहा में अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर बनाया जाएगा। शनिवार को शासन को रिपोर्ट और प्रस्ताव भेजा गया है।
बीते सात जून को सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई बैठक में भारत-नेपाल की सीमा पर बहराइच जिले के रुपईडीहा कस्बे में मैत्री द्वार निर्माण की बात तय हुई थी। दोनों देशों की सीमा के एनएच 28 सी के करीब मैत्री द्वार का निर्माण करने की रणनीति बनी। बार्डर एरिया में नेपाल का द्वार बना है, लेकिन भारत का एरिया सूना दिख रहा है। इसके दूर करने के लिए खाका तैयार किया गया है।
मैत्री द्वार का निर्माण होने से वैश्विक पटल पर भारत की गरिमा बढ़ेगी। मैत्री द्वार के निर्माण का खाका पीडब्लूडी के इंजीनियरों ने खींचा है। छह करोड़ 49 लाख रुपये खर्च होने का अनुमान है। इसका प्रस्ताव मुख्य अभियंता ने शासन को भेजा है।
लोक निर्माण विभाग देवीपाटन मंडल के मुख्य अभियंता वीरेंद्र चौधरी ने बताया कि भारत-नेपाल सीमा पर मैत्री द्वार का निर्माण मुख्यमंत्री की प्राथमिकता में शामिल है। प्रस्ताव बनाकर भेज दिया गया है। स्वीकृति मिलते मैत्री द्वार का निर्माण शुरू करा दिया जाएगा। अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर द्वार बनने से भारत की छवि अलग दिखेगी।
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