ठगी (सांकेतिक तस्वीर)
– फोटो : अमर उजाला
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नौकरशाह से उद्यमी बने डॉक्टर नेह श्रीवास्तव को आर्थिक अपराध शाखा ने ठगी के आरोप में गिरफ्तार किया है। उस पर घर का सपना दिखाकर निवेशकों से 50 करोड़ रुपये की ठगी का आरोप है। आरोपी भारत सरकार में अवर सचिव रह चुका है।
शाखा अधिकारियों ने बताया कि साल 2020 में झिलमिल कॉलोनी निवासी डॉक्टर बच्चा लाल ने आर्थिक अपराध शाखा में केंद्रीय सचिवालय सेवा अधिकारी सोसाइटी (सीएसएसओएस) के खिलाफ ठगी और धोखाधड़ी की शिकायत दी थी। शिकायत में बताया कि वह दिल्ली में एक घर खरीदना चाहते थे। एक दोस्त ने द्वारका के केंद्रीय सचिवालय सेवा अधिकारी सोसाइटी (सीएसएसओएस) के बारे में बताया। इसके बाद वह सोसाइटी के अध्यक्ष नेह श्रीवास्तव और अन्य सदस्यों से मिले। सोसाइटी ने तब बताया कि वह लैंड पूलिंग पॉलिसी के तहत फ्लैट उपलब्ध करवा रही है। फ्लैट अधिकारियों को दिया जाएगा।
शिकायत में डॉ. बच्चा लाल ने कहा है कि उस वक्त नेह श्रीवास्तव ने बताया था कि वह गृह मंत्रालय और डीडीए के संपर्क में हैं।
बड़ी संख्या में डेवलपर, बिल्डर और सोसाइटी ने पहले ही क्षेत्र में भूमि का अधिग्रहण कर लिया है क्योंकि भूमि की दरें एक वर्ष में दोगुनी होने की उम्मीद थी। डीडीए ने भूमि का विकास शुरू कर दिया है। उनकी बातों में आकर उन्होंने सोसाइटी में 50 हजार रुपये का निवेश कर दिया। लेकिन उनके एक रिश्तेदार ने सोसाइटी के पदाधिकारियों के बारे में नकारात्मक बातें बताई। उसके बाद वह डीडीए कार्यालय गए। जहां पता चला कि सोसाइटी के सारे दस्तावेज फर्जी है। उसके बाद उन्होंने शाखा में इनके खिलाफ शिकायत दी। जांच के दौरान पता चला कि सोसायटी के पंजीकरण को रजिस्ट्रार ऑफ सोसाइटी ने रद्द कर दिया था। डीडीए ने यह भी बताया कि उन्होंने द्वारका में लैंड पूलिंग पॉलिसी के तहत सोसाइटी को किसी भी हाउसिंग प्रोजेक्ट का कोई लाइसेंस या मंजूरी नहीं दी है।
जांच में यह भी पता चला कि आरोपियों ने बढ़ी हुई कीमत पर जमीन खरीदी। लेकिन भूस्वामियों को बिक्री विलेख के अनुसार भुगतान नहीं किया। सोसायटी ने 100 करोड़ में से केवल 45 करोड़ में जमीन खरीदी और बाकी पैसा नेह ने मां की कंपनी अदितिया रियलिटी प्राइवेट लिमिटेड में ट्रांसफर कर दिया।आरोपियों ने खातों में दिखाया कि 75 करोड़ रुपये में जमीन खरीदी गई थी, जबकि वास्तव में जमीन के मालिकों को 45 करोड़ का भुगतान किया गया था। साक्ष्य मिलने के बाद उपायुक्त एम आई हैदर की देखरेख में टीम ने आरोपियों के बारे में जानकारी हासिल की और शुक्रवार को डॉक्टर नेह श्रीवास्तव को सेक्टर-9, वैशाली, गाजियाबाद से गिरफ्तार कर लिया।
केस दर्ज होने के बाद ले ली थी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति
अपराध शाखा को जांच में पाया कि आरोपियों ने लैंड पूलिंग पॉलिसी के तहत कथित रूप से डीडीए की ओर से जारी दस्तावेज को दिखाकर खरीदारों को प्रेरित किया। इसी आधार पर खरीदारों ने सोसाइटी में निवेश किया। सोसायटी के अध्यक्ष नेह श्रीवास्तव भारत सरकार में अवर सचिव थे, जिन्होंने प्राथमिकी दर्ज होने के बाद वीआरएस ले लिया।
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