राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। राज्य सरकार ने पंजाब विजिलेंस ब्यूरो को पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु के खिलाफ केस चलाने की अनुमति दे दी है। विजिलेंस ने लुधियाना में अनाज ढुलाई घोटाले में 16 अगस्त को मामला दर्ज किया था। इस केस में उन्हें आरोपित बनाया गया है।
नियमों के तहत पूर्व मंत्री होने के कारण आशु के खिलाफ अदालत में ट्रायल चलाने से पहले सरकार की ओर से मंजूरी दी जानी जरूरी है। इस संबंध में मान सरकार ने स्टेट विजिलेंस को पूर्व मंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 19 के तहत केस चलाने की मंजूरी दे दी है।
क्या है अनाज ढुलाई मामला
विजिलेंस रेंज कार्यालय में लुधियाना की अनाज मंडियों में हुई अनाज ढुलाई के टेंडर में गबन की शिकायत नवांशहर के ठेकेदार गुरप्रीत सिंह की तरफ से की गई थी। जिसकी जांच के बाद विजिलेंस ने अनाज ढुलाई का ठेका लेने वाले ठेकेदार तेलु राम, उसके दो सहयोगियों, फूड सप्लाई विभाग के अधिकारियों को 16 अगस्त को नामजद किया था।
आरोप है कि पालिसी में फेरबदल कर तेलु राम को ठेका दिया गया था। इस घोटाले से आए पैसों को बेनामी जायदाद में लगाया गया है। विजिलेंस ने इसके बाद पूर्व कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु को नामजद कर गिरफ्तार किया था।
पुलिस ने विभाग के बर्खास्त डिप्टी डायरेक्टर आर के सिंगला, पीए के तौर पर काम करने वाले पंकज मीनू मलहोत्रा और इंद्रजीत सिंह इंदी समेत 20 लोगों को अब तक इस मामले में नामजद किया है और 5 की गिरफ्तारी हो चुकी है। इस मामले में विजिलेंस की तरफ से लुधियाना के बाद फिरोजपुर, बठिंडा व नवांशहर में भी अनाज ढुलाई में गडबडियों के आपराधिक मामले दर्ज किए हैं।
कब क्या हुआ
- 16 अगस्त को दर्ज हुआ अनाज ढुलाई मामला
- 19 अगस्त को विजिलेंस ने नामजद
- 22 अगस्त को सैलून से पुलिस ने उठाया
- 23 अगस्त पेश कर पुलिस रिमांड पर लिए भारत भूषण आशु
- 1 सितंबर को पटियाला जेल भेजे गए आशु
- 17 अक्टूबर को ठेकेदार जगदीप भाटिया, जगरूप सिंह, अनिल जैन आदि की जमानत याचिका खारिज
- 15 नवंबर को विजिलेंस ने अदालत में पेश किया चालान
- 22 नवंबर को दो डीएफएससी सुखविंदर सिंह और हरवीन कौर गिरफ्तार
- 25 नवंबर को दोनों डीएफएससी न्यायिक हिरासत पर जेल भेजे
- 25 नवंबर को अदालत में पेश की गई चार्जशीट
Edited By: Kamlesh Bhatt
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