रानीखेत में आपदा प्रबंधन कार्यशाला को संबोधित करतीं जिपं. अध्यक्ष उमा बिष्ट। संवाद
– फोटो : RANIKHET
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द्वाराहाट (अल्मोड़ा)। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पं. मदन मोहन उपाध्याय राजकीय पीजी कॉलेज में एशियाई आपदा प्रबंधन, व्यावसायिक समाज और भारतीय अर्थशास्त्र संगठन की ओर से आयोजित दो दिनी सेमिनार का शुभारंभ हुआ। मुख्य अतिथि जिला पंचायत उपाध्यक्ष उमा बिष्ट ने कहा उत्तराखंड आपदा की दृष्टि से बेहद संवेदनशील है। इससे निपटने के लिए कौशल प्रशिक्षण के साथ तकनीकी प्रशिक्षण का होना भी जरूरी है। आपदा प्रबंधन के लिए तकनीकी विशेषज्ञ बनाने होंगे, जिन्हें रोजगार से भी जोड़ा गया है।
कॉलेज के प्राचार्य एके जोशी और रानीखेत पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. पुष्पेश पांडे तथा मेरठ के प्रो. दिनेश कुमार ने संयुक्त रूप से कार्यक्रम का शुभारंभ किया। सेमिनार के पहले दिन उत्तराखंड में आपदाओं से निपटने के लिए कई विषयों पर चर्चा की गई। कार्यक्रम में एशियाई आपदा प्रबंधन के अध्यक्ष अनिल कुमार सिन्हा, अर्थशास्त्र के प्रोफेसर अनिल ठाकुर, प्रो. यामिनी पांडे, नेपाल से वित्त विभाग की जनक त्रिपाठी आदि भी ऑनलाइन भागीदारी की। वहां पर कार्यक्रम संयोजक डॉ. उपासना शर्मा, प्रो. भरत उपाध्याय, शैलेंद्र कुमार, डॉ. नाजिश खान, डॉ. अंजुम अली आदि थे।
द्वाराहाट (अल्मोड़ा)। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पं. मदन मोहन उपाध्याय राजकीय पीजी कॉलेज में एशियाई आपदा प्रबंधन, व्यावसायिक समाज और भारतीय अर्थशास्त्र संगठन की ओर से आयोजित दो दिनी सेमिनार का शुभारंभ हुआ। मुख्य अतिथि जिला पंचायत उपाध्यक्ष उमा बिष्ट ने कहा उत्तराखंड आपदा की दृष्टि से बेहद संवेदनशील है। इससे निपटने के लिए कौशल प्रशिक्षण के साथ तकनीकी प्रशिक्षण का होना भी जरूरी है। आपदा प्रबंधन के लिए तकनीकी विशेषज्ञ बनाने होंगे, जिन्हें रोजगार से भी जोड़ा गया है।
कॉलेज के प्राचार्य एके जोशी और रानीखेत पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. पुष्पेश पांडे तथा मेरठ के प्रो. दिनेश कुमार ने संयुक्त रूप से कार्यक्रम का शुभारंभ किया। सेमिनार के पहले दिन उत्तराखंड में आपदाओं से निपटने के लिए कई विषयों पर चर्चा की गई। कार्यक्रम में एशियाई आपदा प्रबंधन के अध्यक्ष अनिल कुमार सिन्हा, अर्थशास्त्र के प्रोफेसर अनिल ठाकुर, प्रो. यामिनी पांडे, नेपाल से वित्त विभाग की जनक त्रिपाठी आदि भी ऑनलाइन भागीदारी की। वहां पर कार्यक्रम संयोजक डॉ. उपासना शर्मा, प्रो. भरत उपाध्याय, शैलेंद्र कुमार, डॉ. नाजिश खान, डॉ. अंजुम अली आदि थे।
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