National Games: Annu Rani Won Gold Madel With A Throw Of 54.56 Meters In Javelin – Sports: गुजरात में चल रहे राष्ट्रीय खेलों में मेरठ की बेटी अन्नू रानी ने भाला फेंक स्पर्धा में झटका स्वर्ण
गुजरात में आयोजित 36वें राष्ट्रीय खेलों में मेरठ की एथलीट बेटी अन्नु रानी ने स्वर्ण पदक झटक लिया है। मंगलवार को भाला फेंक स्पर्धा में उन्होंने 54.56 मीटर थ्रो करते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया। अन्नू ने हाल में ही राष्ट्रमंडल खेलों में देश को कांस्य पदक दिलाया था।
उनके भाई उपेंद्र चौधरी ने बताया गुजरात में गर्मी बहुत ज्यादा थी, जिससे प्रदर्शन प्रभावित हुआ। अन्नु के प्रदर्शन के लिहाज से भाले की दूरी थोड़ी कम जरूर रही लेकिन अन्नू स्वर्ण पदक लेने में कामयाब रही। स्वर्ण पदक आने पर परिवार के लोगों ने खुशी जताई।
गन्ने को भाला बनाकर किया भाला फेंक का अभ्यास जैवलिन क्वीन के नाम से पहचानी जाने वाली अन्नू के संघर्ष की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है। गांव की पगडंडियों पर खेलते और गन्ने को भाला बनाकर प्रैक्टिस करने वाली अन्नू एक दिन देश-विदेश में होने वाली प्रतिस्पर्धाओं में देश का प्रतिनिधित्व करेंगी, यह शायद ही किसी ने सोचा होगा, लेकिन अपने संघर्ष और कड़ी मेहनत के दम पर उन्होंने ये कर दिखाया। मंगलवार को उन्होंने राष्ट्रीय खेलों में स्वर्ण जीतकर फिर अपनी प्रतिभा का परचम कायम किया है।
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पिता ने रोका तो चोरी से किया अभ्यास
अन्नू रानी तीन बहन व दो भाइयों में सबसे छोटी हैं। उनके सबसे बड़े भाई उपेंद्र कुमार भी 5,000 मीटर के धावक थे और विश्वविद्यालय स्तर की प्रतियोगिताओं में हिस्सा भी ले चुके हैं। बड़े भाई के साथ अन्नू रानी ने भी खेल में रुचि दिखाई और सुबह चार बजे उठकर गांव में ही रास्तों पर दौड़ने जाया करतीं।
कई बार पिता ने अन्नू खेल में दिलचस्पी नहीं दिखाई तो अन्नू चोरी से अभ्यास करतीं। अन्नू यहां किसी ग्राउंड में नहीं, बल्कि कच्चे संकरे रास्ते जिसे ग्रामीण भाषा में चकरोड़ कहा जाता है, उस पर दौड़तीं। इसी चकरोड़ पर गन्ने को भाला बनाकर वह पहले जोर से फेंकती। उन्होंने यह प्रयास कई महीनों तक जारी रखे।
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राष्ट्रीय खेलों में मेरठ की बेटियों का जलवा बरकरार
गुजरात में आयोजित 36वें राष्ट्रीय खेलों में मेरठ के खिलाड़ियों का दबदबा बरकरार है। अन्नू से पहले एथलीट पारुल चौधरी, पहलवान दिव्या काकरान व किरन बालियान गोला फेंक में स्वर्ण पदक अपने नाम कर चुकी हैं।
पारुल चौधरी ने 3 हजार मीटर स्टीपल चेज में स्वर्ण पदक झटका है। 5 हजार मीटर दौड़ के बाद राष्ट्रीय खेलों में पारुल ने दूसरा स्वर्ण पदक अपने नाम किया। उन्होंने 9 मिनट 56 सेकंड में दूरी तय कर यूपी को स्वर्ण पदक दिलाया। मेरठ की बेटियों ने राष्ट्रीय खेलों में 4 स्वर्ण व 1 कांस्य पदक दिलाया है। जिसमें किरण बालियान ने गोला फेंक में स्वर्ण, पारुल ने 5000 मीटर दौड़ व 3 हजार मीटर स्टीपल चेज में दो स्वर्ण, अन्नु रानी ने भाला फेंक में स्वर्ण व रूपल चौधरी ने 400 मीटर दौड़ में कांस्य पदक अपने नाम किए।
प्रियंका ने नहीं लिया हिस्सा पैदल चाल में कॉमनवेल्थ की रजत पदक विजेता प्रियंका गोस्वामी गुजरात नेशनल खेलों में प्रतिभाग नहीं किया। उन्होंने बताया कि किसी जूनियर को पदक जीतने का मौका मिले, जिसके कारण वह नेशनल खेलों में नहीं खेल रही हैं। क्योंकि छह साल पूर्व एक सीनियर खिलाड़ी नेशनल खेलों में नहीं खेली थीं, उस समय मुझे पदक जीतने का मौका मिला था।
खेल अधिकारी भी दिखा रहे जलवा राष्ट्रीय खेलों में एक तरफ जहां मेरठ के खिलाड़ी गुजरात में जमकर खेल दिखा रहे हैं, वहीं मेरठ के सीनियर खिलाड़ी तकनीकी अधिकारी बनकर राष्ट्रीय खेलों की शोभा बढ़ा रहे हैं। मेरठ की कॉमनवेल्थ में स्वर्ण पदक विजेता व अर्जुन अवार्डी कुश्ती खिलाड़ी अलका तोमर भी गुजरात में हैं। उन्होंने टोक्यो ओलंपिक पदक विजेता नीरज चोपड़ा के साथ फोटो सोशल मीडिया पर शेयर की है। विशाल सक्सेना, अमरनाथ त्यागी, गौरव त्यागी सहित अन्य खिलाड़ी तकनीकी अधिकारी बने हैं।
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गुजरात में आयोजित 36वें राष्ट्रीय खेलों में मेरठ की एथलीट बेटी अन्नु रानी ने स्वर्ण पदक झटक लिया है। मंगलवार को भाला फेंक स्पर्धा में उन्होंने 54.56 मीटर थ्रो करते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया। अन्नू ने हाल में ही राष्ट्रमंडल खेलों में देश को कांस्य पदक दिलाया था।
उनके भाई उपेंद्र चौधरी ने बताया गुजरात में गर्मी बहुत ज्यादा थी, जिससे प्रदर्शन प्रभावित हुआ। अन्नु के प्रदर्शन के लिहाज से भाले की दूरी थोड़ी कम जरूर रही लेकिन अन्नू स्वर्ण पदक लेने में कामयाब रही। स्वर्ण पदक आने पर परिवार के लोगों ने खुशी जताई।
गन्ने को भाला बनाकर किया भाला फेंक का अभ्यास
जैवलिन क्वीन के नाम से पहचानी जाने वाली अन्नू के संघर्ष की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है। गांव की पगडंडियों पर खेलते और गन्ने को भाला बनाकर प्रैक्टिस करने वाली अन्नू एक दिन देश-विदेश में होने वाली प्रतिस्पर्धाओं में देश का प्रतिनिधित्व करेंगी, यह शायद ही किसी ने सोचा होगा, लेकिन अपने संघर्ष और कड़ी मेहनत के दम पर उन्होंने ये कर दिखाया। मंगलवार को उन्होंने राष्ट्रीय खेलों में स्वर्ण जीतकर फिर अपनी प्रतिभा का परचम कायम किया है।
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