अल्मोड़ा, अमृत विचार। राज्य में शिक्षण संस्थानों और विकास के नाम पर सरकार के संरक्षण के चलते जमीनों में भूमाफिया कब्जा जमा रहे हैं। इन स्थानों मेंअराजकता चरम पर है। डांडाकांडा अपराध और अराकता का अड्डा बन गया है। अधिकारी पर दर्ज पॉक्सो में मुकदमा इस बात की पुष्टि करता है कि सरकार की मिलीभगत से सारे काम हो रहे है।
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यह बात मंगलवार को उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही। तिवारी ने कहा कि उपपा ने 2010 में सरकार और प्रशासन से बात कर डांडाकांड मामले की जांच करने की मांग की थी। जिसके बाद तत्कालीन डीएम के नेतृत्व में कमेटी का गठन किया गया। जिसकी रिपोर्ट में साफ तौर पर यह बात सामने आई की सैकड़ों नाली जमीन पर अवैध रूप से कब्जा किया जा रहा है। जंगल से पेड़ काटे गए हैं। नियमानुसार जमीन जब्त हो जानी चाहिए थी।
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लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नही हुई है। जबकि इस मामले में अब तक कोई गिरफ्तारी भी नहीं हुई है। जिससे साफ पता चलता है कि भूमाफियों को सरकार संरक्षण दे रही है। तिवारी ने आरोप लगाते हुए कहा कि आज विकास और जमीनों की लूट के साथ पूरे राज्य में अराजकता पैदा की जा रही है।
कहा कि अंकिता हत्याकांड मामले में सरकार ने सुबतों को मिटाने के लिए बुलडोजर चला दिया। लेकिन आज तक डांडाकांडा में बुलडोजर नहीं चलाया। उन्होंने कहा कि डांडाकांडा में दिल्ली प्रशासन के अधिकारी के खिलाफ दर्ज उत्पीडऩ के मामले में तत्काल अभियुक्त की गिरफ्तार की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि आज कोई भी राजनैतिक पार्टी इस मामले को लेकर बयान नही देती है। मंत्री विधायक और सांसद भी मामले में चुप्ती साधे है। उन्होंने कहा कि उपपा पार्टी भूमाफिया के खिलाफ लगातार संघर्ष करते रहेगी।
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