Hindu rituals: संपूर्ण विश्व में कई सारे धर्म मौजूद हैं, जिनमें से सनातन धर्म सबसे प्रमुख और प्राचीन धर्म है. सनातन धर्म को हिंदू धर्म के नाम से भी जाना जाता है. जिसकी अपनी विशेष धार्मिक मान्यताएं हैं.
समय-समय पर हिंदू धर्म के अनुयायी शास्त्रों और पुराणों में बताए गए नियमों के आधार पर अपने जीवन को सुचारू ढंग से व्यतीत करते हैं, यही कारण है कि हिंदू धर्म के लोग धर्म में बताए गए नियमों का विशेष तौर पर पालन करते हैं.
इसी तरह से हिंदू धर्म में कुछ एक दिनों पर चूल्हे पर रोटी नहीं बनती है, और यदि इन दिनों कोई भी व्यक्ति रोटी बनाता है, तो उसके जीवन पर इसका विपरीत असर देखने को मिलता है.
ऐसे में हमारे आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे, कि किन दिनों आपको चूल्हे पर रोटी बनाने की मनादि है. तो चलिए जानते हैं…
शास्त्रों में ये दिन बताए गए हैं बुरे, नहीं पकती है चूल्हे पर रोटी
हिंदू धर्म में जब शीतला अष्टमी का पर्व मनाया जाता है, उस दौरान शीतला माता को बासी भोजन का भोग लगाया जाता है. ऐसे में हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार इस दिन किसी भी व्यक्ति के घर में ताजा भोजन ही बनता है,
और ना ही चूल्हे पर रोटियां सिकती हैं. इस दिन माता शीतला को बासी भोजन का भोग चढ़ाया जाता है और उसी भोजन को लोग ग्रहण करते हैं.
जब किसी व्यक्ति के घर में कोई मृत्यु हो जाती है, तो हिंदू धर्म में उस व्यक्ति के घर में तब तक रोटी नहीं बनती, जब तक उस व्यक्ति का दसवां या तेहरवीं ना हो जाए, जिसकी मृत्यु हो चुकी है.
ऐसी मान्यता है कि यदि दसवां या तेहरवीं से पहले उस घर में रोटी बन जाए, तो मृत व्यक्ति के शरीर पर छाले पड़ जाते हैं, यही कारण है कि हिंदू धर्म में मृत्यु हो जाने पर उस घर के व्यक्तियों द्वारा घर के चूल्हे पर रोटी नहीं बनाई जाती.
हिंदू धर्म के नियमानुसार, नाग पंचमी वाले दिन भी तवे पर रोटी नहीं सेकनी चाहिए. माना जाता है कि यदि आप नाग पंचमी वाले दिन चूल्हे पर रोटी बनाते हैं, तो इससे आपके जीवन में नागों का खतरा मंडराता है.
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क्योंकि सांप को तवे का प्रतिरूप माना जाता है,इसलिए हिंदू धर्म में कई घरों में नाग पंचमी वाले दिन पूड़ी, हलवा और खीर इत्यादि बनाई जाती है.
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