गूचियो ने कंपनी की शुरुआत लेदर के सामान से की थी. अगले कुछ दशक तक इसे एक सामान्य ब्रैंड के तौर पर जाना गया, लेकिन पहचान मिली 1953 से. इस साल एलिजाबेथ टेलर की एक फोटो चर्चा में आई. इसके बाद भी कंपनी का सफर आसान नहीं रहा.
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पिछले कई सालों में गूची को ‘अमीरों का ब्रैंड’ कहा जा रहा है, लेकिन चौंकाने वाली बात है कि इसे एक लिफ्टमैन ने लॉन्च किया था. इसकी शुरुआत की कहानी काफी दिलचस्प रही है. इस ब्रैंड की शुरुआत गुचियो गूची नाम के ऐसे शख्स ने की जिन्होंने कभी होटल में लिफ्टमैन और कुली का काम किया. कुछ समय होटल में काम करने के बाद वह एक फैशन कंपनी के लिए काम करने लगे. यहां आने-जाने वाले गेस्ट्स के फैशन सेंस से वो काफी प्रभावित हुए. इसके बाद उन्होंने अपना फैशन लेबल लाने की सोची.
फैशन लेबल लाने से पहले उन्होंने होटल की नौकरी छोड़कर एक कंपनी में काम करते हुए फैशन से जुड़ी कई बातों को सीखा और समझा. इसके बाद 1921 में इटली के फ्लोरेंस में गूची के नाम से अपना ब्रैंड लॉन्च किया. इस ब्रैंड की शुरुआत भले ही इटली से हुई लेकिन कंपनी के ज्यादातर प्रोडक्ट लंदन के फैशन से इंस्पायर थे.
लेदर के सामान से शुरुआत की
गूचियो ने कंपनी की शुरुआत लेदर के सामान से की थी. अगले कुछ दशक तक इसे एक सामान्य ब्रैंड के तौर पर जाना गया, लेकिन पहचान मिली 1953 से. इस साल एलिजाबेथ टेलर की एक फोटो चर्चा में आई, जिसमें वो बांस से बने बैग को पकड़े हुए नजर आ रही थीं. 1953 में गूचियो की मौत हो गई, लेकिन उनके बिजनेस को संभालने का काम परिवार वालों ने किया. 1961 में अमेरिका की फर्स्ट लेडी जैकलीन कैनेडी को गूची बैग ले जाते हुए देखा गया. इसके बाद कंपनी ने उस बैग का नाम बदलकर ‘द जैकी’ रख दिया. धीरे-धीरे इस ब्रैंड का जुड़ाव जानी-मानी सेलिब्रिटीज के साथ होने लगा.
एक ऐसा दौर भी आया जब बिजनेस को संभालने के लिए गद्दी की लड़ाई शुरू हुई. गद्दी की लड़ाई के कारण यह कंपनी दिवालिया होने की कगार पर पहुंच गई. 1981 में कंपनी ने अपना पहला रेडी-टू-वियर कलेक्शन पेश किया. कलेक्शन फ्लोरा प्रिंट पर बेस्ड थ. यह चर्चा में रहा, लेकिन पारिवारिक कलह के कारण दिवालिया होने की कगार पर पहुंच रही कंपनी को संभालने का काम डिजाइनर टॉप फोर्ड ने किया.
दिवालिया होने वाली गूची को टॉम ने बुलंदी पर पहुंचाया
90 के दशक में कंपनी में डिजाइनर टॉम फोर्ड की एंट्री हुई. टॉम में कंपनी के डिजाइंस में बदलाव किया. इस कदम के बाद गूची को फैशन के क्षेत्र में नई पहचान मिली. गूची की जीनियस जींस ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया. 90 के दशक में 2 लाख 43 हजार जीनियस जींस बिकने का रिकॉर्ड बना. उस दौर में यह दुनिया की सबसे महंगी जींस थी.
इसलिए गूची ने पॉपुलैरिटी का रिकॉर्ड बनाया
गूची ने हमेशा से ही हाई क्लास को टार्गेट किया. अपनी ब्रैंडिंग और विज्ञापनों में ऐसे ही क्लास को दिखाया. नतीजा यह अमीरों का ब्रैंड कहा जाने लगा. इसके प्रोडक्ट्स को स्टेटस से जोड़कर देखा जाने लगा. समय के साथ लगातार पीआर और विज्ञापनों ने इसकी ब्रैंड इमेज को मजबूत बनाया. वर्तमान में कंपनी की ब्रैंड वैल्यू 14 लाख करोड़ रुपये से अधिक पहुंच चुकी है. दुनिया के कई दिग्गज सेलिब्रिटी इसे एंडॉर्स करते हैं.
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