Publish Date: | Wed, 30 Nov 2022 11:51 PM (IST)
बिलासपुर(नईदुनिया प्रतिनिधि)। राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद(नैक) से ए और बी प्लस जैसी ग्रेडिंग प्राप्त सीएम दुबे स्नातकोत्तर महाविद्यालय का खेल मैदान बर्बाद हो चुका है। खेलने लायक नहीं बचा है। घास के बजाय कंकड़-पत्थर व कील मिलते हैं। खिलाड़ी यहां चोटिल हो रहे हैं। मैदान पर कब्जे का भी प्रयास होने लगा हैं। इसके कारण विद्यार्थियों को नुकसान हो रहा है।
शहर के बीच लिंक रोड में सीएम दुबे स्नातकोत्तर महाविद्यालय है। स्नातक और स्नातकोत्तर के लगभग पांच हजार नियमित छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। छह हजार स्वाध्यायी विद्यार्थी यहां परीक्षा देते हैं। संभाग के इस महाविद्यालय की एलुमनी सबसे बड़ी है। यहां के विद्यार्थी इंजीनियर, डाक्टर, विज्ञानी के रूप में देश-दुनिया में परचम लहरा रहे हैं। अब कोविड-19 महामारी के बाद समाज के साथ युवाओं को सबसे अधिक खेल मैदान की जरूरत महसूस हो रही है।
विडंबना है कि यहां सब कुछ होेते हुए भी खेल का मैदान बेहद खराब स्थिति में है। जिस ओर किसी का ध्यान नहीं है। छात्रों की मानें तो सबसे बड़ी समस्या यह कि प्रबंधन, नगर निगम और जिला प्रशासन की ओर से सालभर यहां कई गतिविधियां आयोजित की जाती हंै। इसके कारण खेल को छोड़कर अब यह सांस्कृतिक आयोजन का मैदान बन चुका है।
अवैध कब्जे की कोशिश
महाविद्यालय के इस मैदान पर कब्जा करने प्रयास हो रहा है। आसपास बिल्डर अपनी इमारतें खड़ी करने के साथ मैदान को पार्किंग या बिल्डिंग मटेरियल रखने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। कालेज प्रबंधन के साथ कई बार विवाद की स्थिति भी बन चुकी है। नगर निगम को कई बार पत्र भी लिखने का दावा किया गया। निगम उल्टा नियमितीकरण कर ऐसे लोगों के हौसले बुलंद कर देता है। जिला प्रशासन को भी युवाओं के भविष्य को लेकर कोई चिंता नहीं है।
समस्या के लिए ये हैं जिम्मेदार
सीएम दुबे स्नातकोत्तर महाविद्यालय के मैदान की बर्बादी के लिए सबसे पहले शासी निकाय दोषी है। महाविद्यालय प्रबंधन व प्राचार्य संजय सिंह की उदासीनता के कारण यहां खिलाड़ियों के लिए प्रशिक्षण तक संभव नहीं हो पाया। वर्षा में स्थिति और खराब हो जाती है। 66 साल बाद भी पानी निकासी के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं की गई। नगर निगम और जिला प्रशासन और एसडीएम भी दोषी हंै। उनके कई कार्यक्रम होते हैं, लेकिन मैदान में किल व कचरा का उठाव नहीं होता।
छात्रों में गजब की प्रतिभा
महाविद्यालय के कई खिलाड़ी राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखा चुके हैं। क्रिकेट, फुटबाल से लेकर हाकी व अन्य खेलों में लोहा मनवा चुके हैं। अब उनकी मजबूरी है कि वे दूसरे के खेल मैदान में प्रशिक्षण लेते हैं। उधार के मैदान में खिलाड़ियों को आने जाने से लेकर कई तरह की समस्याएं होती हैं। यहां के छात्र नेता भी सुस्त हैं। केवल शुल्क वसूली व प्रवेश पर ही सक्रिय दिखाते हैं। मैदान को लेकर अभी तक किसी ने कदम नहीं उठाया।
ऐसे संवरेगा यह मैदान
– कालेज प्रबंधन को छात्रहित में कड़े निर्णय लेने होंगे।
– अध्यक्ष पं. संजय दुबे को हस्तक्षेप करना जरूरी।
– छात्र नेताओं को खेल की गंभीरता समझनी होगी।
– मैदान के चारों ओर घेराबंदी को ठीक कराना होगा।
– विद्यार्थियों और खिलाड़ियों को प्रवेश दिया जाए।
– बाहरी कार्यक्रमों पर पूर्ण रूप से रोक लगानी होगी।
खेल मैदान को संवारने हर संभव प्रयास जारी है। कोविड-19 महामारी के बीच खेल गतिविधियां बंद रहीं। जल्द फिर से शुरू होगी। कब्जे को लेकर नगर निगम व प्रशासन को अवगत करा दिया गया है। छात्रहित को लेकर कोई समझौता नहीं होगा। खेल हमारी प्राथमिकता में है।
डा. संजय सिंह, प्राचार्य
सीएम दुबे स्नातकोत्तर महाविद्यालय
Posted By: Abrak Akrosh
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