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पिथौरागढ़। पिथौरागढ़ महाविद्यालय में एमबीए की पढ़ाई के लिए 58 हजार फीस देनी होगी। पूर्व में एमबीए के लिए 52 हजार रुपये थी। एमबीए पढ़ाई करने वाले के लिए खास बात यह है कि पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हें प्लेसमेंट भी दिलाया जाएगा।
पिथौरागढ़ महाविद्यालय में सीमांत के युवाओं को पहली बार सस्ती दरों पर एमबीए की पढ़ाई का मौका मिल रहा है। 30 सीटों पर प्रवेश के लिए 15 विद्यार्थियों ने ऑनलाइन आवेदन किया है। 15 सीटों के लिए ऑफलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। प्रवेश प्रक्रिया एसएसजे विश्वविद्यालय अल्मोड़ा के मानकों के अनुसार कराई जा रही है।
विभाग प्रभारी डॉ. गौरव जोशी ने बताया कि एमबीए में दो साल की पढ़ाई के लिए एसएसजे विश्वविद्यालय अल्मोड़ा ने 58000 रुपये का शुल्क तय किया है। बीबीए, बीकॉम की पढ़ाई के बाद छात्र-छात्राओं के लिए एमबीए एक विकल्प होगा। एमबीए संचालन के लिए ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) से तकनीकी स्वीकृति पहले ही मिल गई थी लेकिन एसएसजे विश्वविद्यालय अल्मोड़ा से अनुमति नहीं मिलने के कारण संचालन में देरी हुई। मध्यम वर्गीय परिवारों के युवाओं के लिए एमबीए की पढ़ाई करना आसान हो गया है। संवाद
पिथौरागढ़। पिथौरागढ़ महाविद्यालय में एमबीए की पढ़ाई के लिए 58 हजार फीस देनी होगी। पूर्व में एमबीए के लिए 52 हजार रुपये थी। एमबीए पढ़ाई करने वाले के लिए खास बात यह है कि पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हें प्लेसमेंट भी दिलाया जाएगा।
पिथौरागढ़ महाविद्यालय में सीमांत के युवाओं को पहली बार सस्ती दरों पर एमबीए की पढ़ाई का मौका मिल रहा है। 30 सीटों पर प्रवेश के लिए 15 विद्यार्थियों ने ऑनलाइन आवेदन किया है। 15 सीटों के लिए ऑफलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। प्रवेश प्रक्रिया एसएसजे विश्वविद्यालय अल्मोड़ा के मानकों के अनुसार कराई जा रही है।
विभाग प्रभारी डॉ. गौरव जोशी ने बताया कि एमबीए में दो साल की पढ़ाई के लिए एसएसजे विश्वविद्यालय अल्मोड़ा ने 58000 रुपये का शुल्क तय किया है। बीबीए, बीकॉम की पढ़ाई के बाद छात्र-छात्राओं के लिए एमबीए एक विकल्प होगा। एमबीए संचालन के लिए ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) से तकनीकी स्वीकृति पहले ही मिल गई थी लेकिन एसएसजे विश्वविद्यालय अल्मोड़ा से अनुमति नहीं मिलने के कारण संचालन में देरी हुई। मध्यम वर्गीय परिवारों के युवाओं के लिए एमबीए की पढ़ाई करना आसान हो गया है। संवाद
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