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रेवाड़ी। पहले पितृ पक्ष के बाद अब नवरात्र में भी फर्नीचर के कारोबार की चमक फीकी रही है। खरीदारी नहीं होने से व्यापार प्रभावित हो रहा है। अब व्यापारियों की उम्मीदें धनतेरस, दीपावली व नवंबर से शुरू होने वाले वैवाहिक सीजन पर टिकी हुई हैं। अगर वह भी फीका जाता है तो कारोबारी आर्थिक तंगहाली झेलने को मजबूर हो जाएंगे।
फर्नीचर कारोबार से जुड़े कारोबारियों की मानें तो कोरोना काल के बाद से लगातार वे घाटा झेल रहे हैं। इस साल भी पहले पितृ पक्ष में बिल्कुल खरीदारी बंद रही और उसके बाद नवरात्र के दौरान भी बहुत कम ग्राहक आए, जो लोग आए, वे सामान के दाम पूछकर लौट गए। ऐसी सूरत में बिक्री बहुत कम हुई और इसका असर पूरे फर्नीचर बाजार पर दिखाई दे रहा है। व्यापारियों की मानें तो देवोउत्थान एकादशी के बाद मई से सितंबर तक हर साल पूरी एक तिमाही बिक्री बहुत कम होती है और नवरात्र तथा विवाह सीजन की खरीदारी पर व्यापारियों का अपनी लागत निकालने के सफल प्रयास करने पड़ते हैं।
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व्यापारी बोले-कोरोना काल के बाद बाजार में नहीं आई तेजी
कोरोना काल के बाद बाजार में तेजी नहीं आई। नवरात्र में भी ग्राहक बहुत कम रहे। अब उम्मीद विवाह सीजन पर है। नौकरीपेशा और उद्योगों में काम करने वाले लोगों के वेतन घटने के बाद से लोगों का बजट कम हो गया है। बाजार में धन का प्रवाह कम है। – दीपक शर्मा, गणपति स्टील एंड फर्नीचर।
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कोरोना काल के दो साल बीतने के बाद अब कुछ बदलाव आया है, मगर बजार में खरीदारी बहुत ही कम हो रही है। ग्राहक बजट पहले तय करके आता है। अच्छी चीज का दाम सुनने के बाद में आते हैं कहकर निकल जाता है। पूरे बाजार में यही हाल है। जुलाई, अगस्त और सितंबर में हर साल काम मंदा रहता है। – राकेश, रामा फर्नीचर।
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दो साल तक कोरोना का असर रहने के बाद इस साल गर्मी में भी सीजन पिट गया। नवंबर में शादियां होनी हैं। उम्मीद है कि हालात कुछ सुधरें। नवरात्र पूरा निकल गया, खरीदारी नहीं हुई। करीब छह माह से ऐसा ही चल रहा है। इसी वजह फसल कटाई और धन अभाव है। लोगों के पास पैसा कम है। इस वजह से बाजार धीमा है। – भगीरथ, कृष्णा फर्नीचर।
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नवरात्र में फर्नीचर के ग्राहक कम आ रहे हैं। देवोत्थान एकादशी के बाद शादी का सीजन शुरू होगा। उससे काफी उम्मीदें हैं। अभी लोग फसल कटाई में लगे हुए हैं। फर्नीचर की अधिक खरीद शादियों के दिनों में होती है। – मितरू, श्रीश्याम फर्नीचर हाउस।
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बाजार भाव
सोफा – 12 से 16 हजार
बेड – सिंगल 5 हजार से 12 हजार
बेड – डबल 12 हजार से 25 हजार
अलमारी-7 हजार से 30 हजार
गद्दे -2 हजार से 16 हजार।
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अधिक मांग
सांगवान और शीशम की लकड़ी के बने फर्नीचर की बाजार में अधिक मांग रहती है।
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भाव में अंतर
शीशम से सांगवान के फर्नीचर का भाव दोगुना होता है। आधुनिक फर्नीचर की अधिक मांग है, जिसमें बेड 18 हजार से शुरू होता है। डायनिंग टेबल 15 हजार से शुरू हैं।
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फर्नीचर व्यवसाय में मंदी की वजह
व्यापारियों के अनुसार फर्नीचर व्यवसाय में मंदी की वजह बाजार में दुकानों की संख्या में बढ़ोतरी, धन प्रवाह कम होना, महंगाई और ग्राहकों का बजट का साथ न देना है।
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रेवाड़ी। पहले पितृ पक्ष के बाद अब नवरात्र में भी फर्नीचर के कारोबार की चमक फीकी रही है। खरीदारी नहीं होने से व्यापार प्रभावित हो रहा है। अब व्यापारियों की उम्मीदें धनतेरस, दीपावली व नवंबर से शुरू होने वाले वैवाहिक सीजन पर टिकी हुई हैं। अगर वह भी फीका जाता है तो कारोबारी आर्थिक तंगहाली झेलने को मजबूर हो जाएंगे।
फर्नीचर कारोबार से जुड़े कारोबारियों की मानें तो कोरोना काल के बाद से लगातार वे घाटा झेल रहे हैं। इस साल भी पहले पितृ पक्ष में बिल्कुल खरीदारी बंद रही और उसके बाद नवरात्र के दौरान भी बहुत कम ग्राहक आए, जो लोग आए, वे सामान के दाम पूछकर लौट गए। ऐसी सूरत में बिक्री बहुत कम हुई और इसका असर पूरे फर्नीचर बाजार पर दिखाई दे रहा है। व्यापारियों की मानें तो देवोउत्थान एकादशी के बाद मई से सितंबर तक हर साल पूरी एक तिमाही बिक्री बहुत कम होती है और नवरात्र तथा विवाह सीजन की खरीदारी पर व्यापारियों का अपनी लागत निकालने के सफल प्रयास करने पड़ते हैं।
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व्यापारी बोले-कोरोना काल के बाद बाजार में नहीं आई तेजी
कोरोना काल के बाद बाजार में तेजी नहीं आई। नवरात्र में भी ग्राहक बहुत कम रहे। अब उम्मीद विवाह सीजन पर है। नौकरीपेशा और उद्योगों में काम करने वाले लोगों के वेतन घटने के बाद से लोगों का बजट कम हो गया है। बाजार में धन का प्रवाह कम है। – दीपक शर्मा, गणपति स्टील एंड फर्नीचर।
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कोरोना काल के दो साल बीतने के बाद अब कुछ बदलाव आया है, मगर बजार में खरीदारी बहुत ही कम हो रही है। ग्राहक बजट पहले तय करके आता है। अच्छी चीज का दाम सुनने के बाद में आते हैं कहकर निकल जाता है। पूरे बाजार में यही हाल है। जुलाई, अगस्त और सितंबर में हर साल काम मंदा रहता है। – राकेश, रामा फर्नीचर।
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दो साल तक कोरोना का असर रहने के बाद इस साल गर्मी में भी सीजन पिट गया। नवंबर में शादियां होनी हैं। उम्मीद है कि हालात कुछ सुधरें। नवरात्र पूरा निकल गया, खरीदारी नहीं हुई। करीब छह माह से ऐसा ही चल रहा है। इसी वजह फसल कटाई और धन अभाव है। लोगों के पास पैसा कम है। इस वजह से बाजार धीमा है। – भगीरथ, कृष्णा फर्नीचर।
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नवरात्र में फर्नीचर के ग्राहक कम आ रहे हैं। देवोत्थान एकादशी के बाद शादी का सीजन शुरू होगा। उससे काफी उम्मीदें हैं। अभी लोग फसल कटाई में लगे हुए हैं। फर्नीचर की अधिक खरीद शादियों के दिनों में होती है। – मितरू, श्रीश्याम फर्नीचर हाउस।
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बाजार भाव
सोफा – 12 से 16 हजार
बेड – सिंगल 5 हजार से 12 हजार
बेड – डबल 12 हजार से 25 हजार
अलमारी-7 हजार से 30 हजार
गद्दे -2 हजार से 16 हजार।
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अधिक मांग
सांगवान और शीशम की लकड़ी के बने फर्नीचर की बाजार में अधिक मांग रहती है।
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भाव में अंतर
शीशम से सांगवान के फर्नीचर का भाव दोगुना होता है। आधुनिक फर्नीचर की अधिक मांग है, जिसमें बेड 18 हजार से शुरू होता है। डायनिंग टेबल 15 हजार से शुरू हैं।
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फर्नीचर व्यवसाय में मंदी की वजह
व्यापारियों के अनुसार फर्नीचर व्यवसाय में मंदी की वजह बाजार में दुकानों की संख्या में बढ़ोतरी, धन प्रवाह कम होना, महंगाई और ग्राहकों का बजट का साथ न देना है।
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