अमरावती/दि.4- कोविड संक्रमण काल के दौरान ऑक्सिजन मैन के तौर पर विख्यात हुए हिमांशू वेद का विगत लंबे समय से शहर सहित जिले के चिकित्सकों के साथ बेहद गहरे संबंध रहे. क्योेंकि हिमांशू वेद द्वारा शहर के सभी अस्पतालों को कृत्रिम ऑक्सिजन की आपूर्ति की जाती थी. ऐसे में आज उनके निधन की खबर मिलते ही शहर का चिकित्सा क्षेत्र भी स्तब्ध हो गया. हंसमुख स्वभाव के धनी और मिलनसार व्यक्तित्व रहनेवाले हिमांशू वेद के निधन की खबर पर सहसा किसी को विश्वास भी नहीं हुआ. ऐसे में शहर के सभी चिकित्सकों ने हिमांशू वेद के आकस्मिक अवसान पर शोक जताया है. साथ ही शहर के कई हृदयरोग विशेषज्ञों ने इस मौत पर शोक के साथ ही अपनी चिंता भी जताई है. जिसके तहत उन्होंने युवावस्था में बढ रहे हृदयरोग संबंधी मामलों और कम उम्र में हृदयरोग के चलते होनेवाली मौतों को गंभीरतापूर्वक लेते हुए अपने खान-पान की आदतों और जीवनशैली में सुधार व बदलाव करने की जरूरत पर जोर दिया है.
कोविड संक्रमण काल से पहले और बाद के जीवन में काफी फर्क आ गया है. लॉकडाउन के समय अधिकांश लोगबाग ज्यादातर समय अपने-अपने घरों पर रहे और लॉकडाउन खुलने के बाद अचानक ही दौडभाग बढ गई. वहीं इन दिनों नवरात्रौत्सव जारी रहने के चलते हर ओर गरबा की धूम है. चूंकि कई लोग सालभर कोई भी शारीरिक व्यायाम नहीं करते है और नवरात्रौत्सव के दौरान रोजाना कई-कई घंटों तक गरबा खेलते है. जिसके चलते हृदयाघात होने की संभावना बढ जाती है. इसके अलावा इन दिनों भोजन व नींद से संबंधित आदतों में भी काफी असंतुलन है. ऐसे में हर किसी को अपनी जीवनशैली का ध्यान देना होगा और अपनी क्षमताओं के भीतर रहकर ही कोई भी काम करना होगा. अन्यथा इसकी अनदेखी करना भारी पड सकता है.
– डॉ. नीरज राघानी
इंटरवेंशनल कार्डियॉलॉजीस्ट
कार्डियक अरेस्ट यानी हृदयाघात को प्रिवेंट किया जा सकता है. परंतु रोका या ठीक नहीं किया जा सकता. किसी अन्य बीमारी की तरह कार्डियक अरेस्ट के कोई लक्षण नहीं या पूर्व संकेत नहीं होते. ऐसे में इससे बचने हेतु बेहद जरूरी है कि, हर कोई अपनी जीवनशैली में आवश्यक बदलाव व सुधार करे. साथ ही अपने शारीरिक स्वास्थ्य की ओर पूरा ध्यान दें. मौजूदा दौर को देखते हुए यह बेहद जरूरी है कि, 20 वर्ष की आयु के बाद कम से कम हर पांच साल में अपना फुल बॉडी चेकअप् कराये. जिसके तहत ब्लड शूगर व ब्लड प्रेशर की ओर विशेष ध्यान दें. इस तरह की जांच में कोई बहुत अधिक पैसा खर्च नहीं होता. साथ ही हर किसी ने नियमित रूप से थोडा-थोडा व्यायाम भी करना चाहिए और जीवन को तनावमुक्त जीना चाहिए.
– डॉ. प्रफुल्ल कडू
वरिष्ठ चिकित्सक
तेजी से बदलती जीवनशैली और आपा-धापी वाली जिंदगी के चलते इन दिनों युवावस्था में हार्टअटैक होने के मामले काफी अधिक बढ गये है. जिसके बावजूद इसे लेकर आवश्यक गंभीरता नहीं दिखाई जाती. अक्सर लोगबाग पूरा सालभर कोई शारीरिक व्यायाम नहीं करते. ऐसे में अचानक ही किसी भी तरह की शारीरिक गतिविधि के बढ जाने पर हृदयाघात होने का खतरा बढ जाता है. ऐसे में बेहद जरूरी है कि, पूरे सालभर रोजाना ही नियमित रूप से थोडा-थोडा व्यायाम किया जाना चाहिए, ताकि हृदय पूरी तरह से स्वस्थ रह सके.
– डॉॅ. विजय बख्तार
वरिष्ठ चिकित्सक
इन दिनों लगभग सभी लोगों के भोजन करने और सोने का टाईम टेबल बिगडा हुआ है. साथ ही लोगबाग अपने शारीरिक स्वास्थ्य व व्यायाम आदी पर भी ध्यान नहीं देते. जिसकी वजह से पूरा मामला ही गडबडाया हुआ है. ऐसे में बेहद जरूरी है कि, अपने आहार-विहार पर पूरा ध्यान दिया जाये तथा भोजन में तेल व घी जैसे पदार्थों का प्रमाण घटाया जाये. साथ ही समय पर सोते हुए नींद पूरी ली जाये और दिन में कम से कम एक बार कुछ समय व्यायाम जरूर किया जाये. इसके अलावा 20 से 25 वर्ष की आयु के बाद नियमित अंतराल पर अपने स्वास्थ्य की जांच भी करायी जाये.
– डॉ. हरीश बाहेती
हृदयरोग विशेषज्ञ
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