ख़बर सुनें
झांसी। हवाई जहाज के कॉक पिट के भीतर होने वाली सभी गतिविधियों को रिकॉर्ड करने वाले ब्लैक बॉक्स तकनीक की तर्ज पर रेल महकमा भी वॉइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल (वीओआइपी) सिस्टम का इस्तेमाल करने जा रहा है। इसकी मदद से चलती गाड़ी को आसानी से कमांड दिया जा सकेगा। इसे स्टेशन मास्टर कक्ष में स्थापित किया जाएगा। इसके जरिए चलती ट्रेन को दिए जाने वाला हर कमांड खुद-ब-खुद रिकॉर्ड होगा। इसमें असीमित रिकॉर्ड रखा जा सकेगा। इसका दुर्घटना अथवा लोको पायलट की लापरवाही का पता लगाने में इस्तेमाल हो सकेगा।
झांसी रेल मंडल में अलग-अलग सेक्शन में इसका काम कराया जा रहा है। ग्वालियर, बिरला नगर, डबरा, आंतरी, संदलपुर, सिथौली समेत अन्य स्टेशनों के बीच केबिल बिछाने का काम पूरा हो चुका जबकि झांसी-धौलपुर एवं झांसी-बीना सेक्शन में यह काम अंतिम दौर में है। रेल अफसरों के मुताबिक इस तकनीकी के माध्यम से चलती ट्रेन को आडियो अथवा वीडियो माध्यम से भी नियंत्रित किया जाएगा। यह नया सिस्टम स्टेशन मास्टर कक्ष में स्थापित होगा। इससे कंट्रोलर भी सीधे लोको पायलट को कमांड दे सकेंगे। डीआरएम समेत अन्य रेल अफसर भी इसकी मदद से आसानी से संपर्क साध सकेंगे। रेल अफसरों का कहना है इसकी सबसे बड़ी खासियत असीमित कमांड रिकार्डिंग क्षमता है। इसके माध्यम से मेसेज, डाटा ट्रांसफर समेत अन्य कार्य आसानी से कराए जा सकेंगे। झांसी मंडल के कई सेक्शनों के बीच यह काम अंतिम चरण में है। जनसंपर्क अधिकारी मनोज कुमार सिंह का कहना है इस प्रणाली के आने से रेल के संचालन में काफी मदद मिलगी। कमांड देने में सहूलियत होगी।
झांसी। हवाई जहाज के कॉक पिट के भीतर होने वाली सभी गतिविधियों को रिकॉर्ड करने वाले ब्लैक बॉक्स तकनीक की तर्ज पर रेल महकमा भी वॉइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल (वीओआइपी) सिस्टम का इस्तेमाल करने जा रहा है। इसकी मदद से चलती गाड़ी को आसानी से कमांड दिया जा सकेगा। इसे स्टेशन मास्टर कक्ष में स्थापित किया जाएगा। इसके जरिए चलती ट्रेन को दिए जाने वाला हर कमांड खुद-ब-खुद रिकॉर्ड होगा। इसमें असीमित रिकॉर्ड रखा जा सकेगा। इसका दुर्घटना अथवा लोको पायलट की लापरवाही का पता लगाने में इस्तेमाल हो सकेगा।
झांसी रेल मंडल में अलग-अलग सेक्शन में इसका काम कराया जा रहा है। ग्वालियर, बिरला नगर, डबरा, आंतरी, संदलपुर, सिथौली समेत अन्य स्टेशनों के बीच केबिल बिछाने का काम पूरा हो चुका जबकि झांसी-धौलपुर एवं झांसी-बीना सेक्शन में यह काम अंतिम दौर में है। रेल अफसरों के मुताबिक इस तकनीकी के माध्यम से चलती ट्रेन को आडियो अथवा वीडियो माध्यम से भी नियंत्रित किया जाएगा। यह नया सिस्टम स्टेशन मास्टर कक्ष में स्थापित होगा। इससे कंट्रोलर भी सीधे लोको पायलट को कमांड दे सकेंगे। डीआरएम समेत अन्य रेल अफसर भी इसकी मदद से आसानी से संपर्क साध सकेंगे। रेल अफसरों का कहना है इसकी सबसे बड़ी खासियत असीमित कमांड रिकार्डिंग क्षमता है। इसके माध्यम से मेसेज, डाटा ट्रांसफर समेत अन्य कार्य आसानी से कराए जा सकेंगे। झांसी मंडल के कई सेक्शनों के बीच यह काम अंतिम चरण में है। जनसंपर्क अधिकारी मनोज कुमार सिंह का कहना है इस प्रणाली के आने से रेल के संचालन में काफी मदद मिलगी। कमांड देने में सहूलियत होगी।
श्रेय: स्रोत लिंक
इस बारे में चर्चा post