सूत्रों के मुताबिक देश में सोना सप्लाई करने वाले बैंक की तिजोरियों में पिछले साल के स्तर से भी कम सोना मौजूद है. ऐसे में मांग बढ़ने पर सप्लाई कम रहने से कीमतें बढ़ने की आशंका है
गोल्ड बैंक्स ने शिपमेंट में की कटौती
इस फेस्टिव सीजन में सोने की कीमतों में उछाल देखने को मिल सकता है. हालांकि इसके पीछे मांग और सप्लाई का सीधा गणित नहीं बल्कि गोल्ड की सप्लाई करने वाले बैंक्स का अपने मुनाफे का खेल है. एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक गोल्ड सप्लाई करने वाले बैंकों ने ठीक फेस्टिव सीजन से पहले देश में सोने की सप्लाई घटा दी है. इससे सोने की मांग के मुकाबले आपूर्ति कम रहने की स्थिति बन रही है और आशंका है कि फेस्टिव सीजन के दौरान सोना खरीदने वाले ग्राहकों को प्रीमियम पर सोना खरीदना पड़ सकता है. यानि सोने के वास्तविक मूल्य के ऊपर कुछ अतिरिक्त पैसा देना पड़ सकता है. सीधे शब्दों में इन त्योहारों में सोना और महंगा हो सकता है.
क्या है ये सोने का खेल
सूत्रों के मुताबिक इस साल देश को सोने की सप्लाई करने वाले प्रमुख बैंक जैसे आईसीबीसी स्टैंडर्ड बैंक, जेपी मॉर्गेन और स्टैंडर्ड चार्टेड की तिजोरियों में पिछले साल से भी कम सोना रखा हुआ है. आमतौर पर ये बैंक फेस्टिव सीजन से पहले अपनी तिजोरियों में सोने की मात्रा को बढ़ा देते थे हालांकि इस साल बैंक उन देशों में सोने की सप्लाई बढ़ा रहे हैं जहां उन्हें ज्यादा मुनाफा मिल रहा है. इससे भारत में सोने की सप्लाई घट गई है. अगर बाजार में फेस्टिव सीजन के दौरान मांग पिछले साल के मुकाबले कहीं ज्यादा रहती है तो ग्राहकों को पहले से ज्यादा पैसे चुकाने होंगे. और इसकी आशंका बनने भी लगी है.आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक फेस्टिव सीजन की शुरुआत में बैंकों की तिजोरियो में कुछ टन सोना बना रहता था. लेकिन इस साल ये मात्रा कुछ किलो में ही है. यानि सोना चाहिए तो ज्यादा दाम चुकाने के लिए तैयार रहिए।
चीन और तुर्की ने उठाया भारत का हिस्सा
बैंकों की सप्लाई घटने की मुख्य वजह चीन और तुर्की हैं. दरअसल इन देशों की अपनी घरेलू स्थितियों की वजह से मांग बढ़ गई है. साथ ही सोने पर मिलने वाला प्रीमियम भी बढ़ गया है. इसलिए बैंक ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए भारत की जगह इन देशों में सोने की सप्लाई कर रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक भारत में सोने पर फिलहाल 1 से 2 डॉलर प्रति औंस का प्रीमियम है जो कि पिछले साल के 4 डॉलर प्रति औंस के प्रीमियम से भी कम है. वहीं चीन में महामारी के बाद मांग में उछाल के साथ प्रीमियम बढ़कर 20 से 45 डॉलर प्रति औंस पहुंच गया है. तुर्की में ये 80 डॉलर प्रति औंस तक है. तुर्की में महंगाई दर में तेज उछाल है और अर्थव्यवस्था में काफी दबाव है इस वजह से तुर्की में सोने की निवेश मांग काफी ऊंची है. भारत के मुकाबले दूसरे देशों में इतने ऊंचे प्री मियम की वजह से बैंक अपनी सप्लाई दूसरे देशों की तरफ मोड़ रहे हैं जिससे घरेलू स्तरों पर कीमतों पर दबाव देखने को मिल सकता है.
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