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प्रदेश में चल रही समान नागरिक संहिता कानून लाने की तैयारियों के विरोध में जमनपुर में क्षेत्रवासियों ने धरना, प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर देश की धर्म निरपेक्षता को खंडित करने के प्रयास का आरोप लगाया। इसके साथ ही नदी व नालो की जमीनों से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को भी तुरंत बंद करने की मांग की। उन्होंने अपनी मांग से संबंधित एक ज्ञापन मुख्यमंत्री व राज्यपाल को प्रेषित किया।
सेलाकुई के जमनपुर में एकत्रित लोगों ने समान नागरिक संहिता कानून लाने की मुख्यमंत्री की घोषणा को संविधान विरोधी बताया। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे आकिल अहमद ने कहा कि देश के संविधान में किसी भी धर्म के मानने वालों को स्वतंत्रता प्रदान की गई है। सभी जाति-धर्म के लोगों को अपने रीति-रिवाज व धार्मिक कायदे कानून अपनाने की छूट संविधान ने दी है। यदि समान नागरिक संहिता जैसा कोई कानून लाया जाता है तो यह संविधान की मूल भावना के विरोध में होगा। सरकार को अपने प्रदेश या देश में रहने वालों को किसी धर्म से नहीं बल्कि नागरिक के रूप में देखना चाहिए। नागरिकों के विकास के लिए शिक्षा, चिकित्सा, रोजगार जैसी समस्याओं के समाधान के लिए प्रयास करना चाहिए। उन्होंने नदी-नालो के किनारों पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पर पुनर्विचार करने की मांग की। धरना-प्रदर्शन करने वालों में हाजी नूर हसन, राजू तोमर, शराफत अली, मोहम्मद अली, नदीम खान, मोहम्मद अरशद, अमन खान आदि शामिल रहे।
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प्रदेश में चल रही समान नागरिक संहिता कानून लाने की तैयारियों के विरोध में जमनपुर में क्षेत्रवासियों ने धरना, प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर देश की धर्म निरपेक्षता को खंडित करने के प्रयास का आरोप लगाया। इसके साथ ही नदी व नालो की जमीनों से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को भी तुरंत बंद करने की मांग की। उन्होंने अपनी मांग से संबंधित एक ज्ञापन मुख्यमंत्री व राज्यपाल को प्रेषित किया।
सेलाकुई के जमनपुर में एकत्रित लोगों ने समान नागरिक संहिता कानून लाने की मुख्यमंत्री की घोषणा को संविधान विरोधी बताया। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे आकिल अहमद ने कहा कि देश के संविधान में किसी भी धर्म के मानने वालों को स्वतंत्रता प्रदान की गई है। सभी जाति-धर्म के लोगों को अपने रीति-रिवाज व धार्मिक कायदे कानून अपनाने की छूट संविधान ने दी है। यदि समान नागरिक संहिता जैसा कोई कानून लाया जाता है तो यह संविधान की मूल भावना के विरोध में होगा। सरकार को अपने प्रदेश या देश में रहने वालों को किसी धर्म से नहीं बल्कि नागरिक के रूप में देखना चाहिए। नागरिकों के विकास के लिए शिक्षा, चिकित्सा, रोजगार जैसी समस्याओं के समाधान के लिए प्रयास करना चाहिए। उन्होंने नदी-नालो के किनारों पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पर पुनर्विचार करने की मांग की। धरना-प्रदर्शन करने वालों में हाजी नूर हसन, राजू तोमर, शराफत अली, मोहम्मद अली, नदीम खान, मोहम्मद अरशद, अमन खान आदि शामिल रहे।
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