छिंदवाड़ा/ब्यूरो। कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन द्वारा आदिवासी वित्त एवं विकास निगम द्वारा संचालित 2 नवीन योजनाओं भगवान बिरसा मुण्डा स्वरोजगार योजना और टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना के अंतर्गत अनुसूचित जनजाति के युवक-युवतियों को स्वयं का रोजगार स्थापित करने के उद्देश्य से जिले के सभी बैंकों को लक्ष्य आवंटित किया गया है।
इसमें भगवान बिरसा मुण्डा स्वरोजगार योजना के अंतर्गत 90 और टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना के अंतर्गत 600 हितग्राहियों को लाभान्वित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है । दोनों नवीन योजनाओं भगवान बिरसा मुण्डा स्वरोजगार योजना के अंतर्गत एक से 50 लाख रूपये तक और टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना के अंतर्गत 10 हजार रूपये से एक लाख रूपये तक का ऋण उपलब्ध कराया जायेगा । उन्होंने सभी बैंकों के शाखा प्रबंधकों को निर्देश दिये है कि जिले को आवंटित लक्ष्य के विरूध्द आपकी बैंक शाखा को आवंटित लक्ष्य के अनुसार ऑनलाईन प्रक्रिया से प्राप्त ऋण प्रकरणों में “समस्त पोर्टल” के माध्यम से आपकी शाखा को भेजे गये ऋण आवेदनों में समय सीमा में कार्यवाही करना सुनिश्चित करें ।
कलेक्टर सुमन ने बताया कि भगवान बिरसा मुण्डा स्वरोजगार योजना के अंतर्गत अनुसूचित जनजाति वर्ग के हितग्राहियों को नवीन उद्यमों की स्थापना के अंतर्गत उद्योग विनिर्माण इकाई के लिये एक से 50 लाख रूपये तक और सेवा इकाई व खुदरा व्यवसाय के लिये एक से 25 लाख रूपये तक की परियोजनाओं पर कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जायेगा । योजना के अंतर्गत आवेदक मध्यप्रदेश का मूल निवासी और अनुसूचित जनजाति वर्ग का सदस्य होना चाहिये। उसकी आयु 18 से 45 वर्ष के मध्य होना चाहिये और उसकी शैक्षणिक योग्यता न्यूनतम 8 वीं कक्षा उत्तीर्ण होना चाहिये । वह किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक, वित्तीय संस्था या सहकारी बैंक का चूककर्ता या अशोधी (डिफाल्टर) नहीं होना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति किसी शासकीय उद्यमी/स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत सहायता प्राप्त कर रहा हो तो इस योजना के अन्तर्गत पात्र नहीं होगा। सिर्फ एक बार ही इस योजना के अन्तर्गत सहायता के लिए पात्र होगा। योजना के अंतर्गत उद्योग या सेवा व्यवसाय क्षेत्र के लिये ऋण स्वीकृत किया जायेगा। पात्र हितग्राहियों को बैंक द्वारा वितरित/शेष ऋण पर प्रतिवर्ष 5 प्रतिशत अथवा वास्तविक राशि जो भी कम हो, की दर से मोरेटोरियम अवधि सहित अधिकतम 7 वर्षो तक ब्याज अनुदान नियमित रूप से निर्धारित समय व राशि के ऋण भुगतान की शर्त पर निगम द्वारा दिया जायेगा । इस योजना का क्रियान्वयन के लिए प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश आदिवासी वित्त एवं विकास निगम भोपाल नोडल एजेन्सी रहेगी तथा योजना का संचालन सहायक आयुक्त/जिला संयोजक/शाखा प्रबंधक मध्यप्रदेश आदिवासी वित्त एवं विकास निगम एवं महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र के माध्यम से किया जायेगा ।
इसी प्रकार टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना के अंतर्गत अनुसूचित जनजाति वर्ग के हितग्राहियों को सभी प्रकार के स्वरोजगार की स्थापना के लिये 10 हजार रूपये से एक लाख रूपये तक की परियोजनाओं पर कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जायेगा । योजना के अंतर्गत आवेदक मध्यप्रदेश का मूल निवासी और अनुसूचित जनजाति वर्ग का सदस्य होना चाहिये। उसकी आयु 18 से 55 वर्ष के मध्य होना चाहिये और उसकी शैक्षणिक योग्यता न्यूनतम 8 वीं कक्षा उत्तीर्ण होना चाहिये । वह किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक, वित्तीय संस्था या सहकारी बैंक का चूककर्ता या अशोधी (डिफाल्टर) नहीं होना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति किसी शासकीय उद्यमी/स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत सहायता प्राप्त कर रहा हो तो इस योजना के अन्तर्गत पात्र नहीं होगा। सिर्फ एक बार ही इस योजना के अन्तर्गत सहायता के लिए पात्र होगा। योजना के अंतर्गत उद्योग या सेवा व्यवसाय क्षेत्र के लिये ऋण स्वीकृत किया जायेगा। पात्र हितग्राहियों को बैंक द्वारा वितरित/शेष ऋण पर प्रतिवर्ष 7 प्रतिशत की दर से मोरेटोरियम अवधि सहित अधिकतम 5 वर्षो तक ब्याज अनुदान नियमित रूप से निर्धारित समय व राशि के ऋण भुगतान की शर्त पर निगम द्वारा दिया जायेगा । इस योजना का क्रियान्वयन के लिए प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश आदिवासी वित्त एवं विकास निगम भोपाल नोडल एजेन्सी रहेगी तथा योजना का संचालन सहायक आयुक्त/जिला संयोजक/शाखा प्रबंधक मध्यप्रदेश आदिवासी वित्त एवं विकास निगम एवं महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र के माध्यम से किया जायेगा ।
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