उन्होंने कहा कि इसका इस्तेमाल अद्यतन ‘राष्ट्रीय प्रतिबद्ध अंशदान’ (एनडीसी) लक्ष्यों को पूरा करने में किया जाएगा।
भारत ने जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र की रूपरेखा के लिए पेरिस समझौते के तहत अपना अद्यतन एनडीसी आंकड़ा पेश किया है। इसके तहत भारत ने वर्ष 2070 तक शुद्ध रूप से कार्बन उत्सर्जन वाला देश बनने का लक्ष्य रखा है।
उन्होंने यहां ‘अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन की पांचवीं सभा’ कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा, “हम जो लागू करने जा रहे हैं वह कार्बन बाजार की एक प्रणाली है। हमारे यहां पहले से ही एक प्रकार का कार्बन बाजार है।”
इसके साथ ही उन्होंने कहा, “भारत में उत्पन्न कार्बन ऋण का उपयोग पहले देश के एनडीसी लक्ष्यों को पूरा करने के लिए किया जाएगा जबकि शेष को देश के बाहर बेचा जा सकता है।”
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