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- Fear Of Recession In The World… Growth Rate In India Has Also Decreased Faster Than Others
एक घंटा पहले
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एक तरफ रूस-यूक्रेन युद्ध, दूसरी तरफ बढ़ता इन्फ्लेशन…पूरी दुनिया में आर्थिक हालात पर चिंता बढ़ रही है। मगर इस नाउम्मीदी में भी भारत में उम्मीद जिंदा है।
दुनिया की सबसे पुरानी मैनेजमेंट कंसल्टेंसी में से एक मैकिंजी एंड कंपनी की सितंबर, 2022 की ग्लोबल इकोनॉमिक कंडीशन्स आउटलुक रिपोर्ट के मुताबिक ग्लोबल सर्वे में शामिल लोगों में से 60% मानते हैं कि आज आर्थिक हालात 6 महीने पहले की तुलना में ज्यादा खराब हैं, जबकि 52% मानते हैं कि आने वाले 6 महीने में हालात और खराब होंगे।
मगर इस नाउम्मीदी के बीच भी दुनिया की कुछ ही अर्थव्यवस्थाओं में उम्मीद बाकी है। इनमें सबसे आगे भारत है। सर्वे में शामिल भारत के प्रतिनिधियों में से 65% मानते हैं कि आर्थिक हालात 6 महीने पहले के मुकाबले बेहतर हैं। खास बात ये है कि जून, 2022 में ऐसा मानने वाले भारतीय प्रतिनिधि 63% थे।
भारत के अलावा सिर्फ नॉर्थ अमेरिका में लोग जून, 2022 के मुकाबले सितंबर, 2022 में ज्यादा उम्मीदें रखते हैं। मगर वहां से सर्वे में शामिल प्रतिनिधियों में से भी सिर्फ 30% ही मानते हैं कि हालात 6 महीने पहले के मुकाबले बेहतर हैं।
मैकिंजी एंड कंपनी फाइनेंशियल ईयर के हर तिमाही पर यह इकोनॉमिक कंडीशन्स आउटलुक जारी करती है। खास बात ये है कि इस सर्वे में दुनिया के हर क्षेत्र से हर सेक्टर की हर इंडस्ट्री की हर साइज की कंपनी को प्रतिनिधित्व दिया जाता है।
अब समझिए, दुनिया की सबसे बड़ी चिंताएं क्या हैं
– सर्वे में इकोनॉमी के लिए चिंता के 8 बड़े कारण लोगों को दिखाए गए। हर क्षेत्र के लोगों ने इस लिस्ट से अपने हिसाब से अपनी अर्थव्यवस्था के लिए सबसे बड़े खतरे या चिंता बताई।
अब हम आपको बताते हैं भारत पूरी दुनिया से कैसे अलग है…
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