नई दिल्ली: मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद (एएम समूह) के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने मुस्लिम समुदाय के लिए आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक और शिक्षा के विकास के रास्ते बंद किए जाने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘हमें अपने बच्चों और बच्चियों के लिए अलग-अलग शिक्षण संस्थाएं खुद स्थापित करनी होंगी.’ मदनी ने यह भी दावा किया कि सह-शिक्षा (को-एजुकेशन) के जरिए मुस्लिम लड़कियों को “धर्म की राह से भटकाने” के लिए निशाना बनाया जा रहा है. उन्होंने संगठन की रविवार को समाप्त हुई दो दिवसीय कार्य समिति की बैठक में यह भी कहा कि जमीयत लड़कियों की शिक्षा के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि सह-शिक्षा के विरुद्ध है.
उल्लेखनीय है कि मदनी ने अगस्त 2021 में भी सह-शिक्षा के खिलाफ बयान दिया था. तब उन्होंने कहा था कि गैर-मुस्लिम लोगों को बेटियों को सह-शिक्षा देने से परहेज करना चाहिए ताकि वे अनैतिकता की चपेट में नहीं आएं. सोमवार को जारी एक बयान में उन्होंने आरोप लगाया कि मुस्लिम लड़कियों को “धर्म की राह से भटकाने के लिए निशाना बनाया जा रहा है” और इस ‘फितने’ (फसाद) को सह-शिक्षा से बढ़ावा मिल रहा है. मदनी ने कहा कि उन्होंने पहले भी इसीलिए सह-शिक्षा का विरोध किया था लेकिन उनकी बात को नकारात्मक तौर पर पेश कर कहा गया था कि वह लड़कियों की शिक्षा के खिलाफ हैं. उन्होंने कहा, ‘हम सह-शिक्षा के खिलाफ हैं, लड़कियों की शिक्षा के खिलाफ नहीं.’
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मदनी ने आरोप लगाया, ‘हमारे लिए आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक और शिक्षा के विकास के रास्ते बंद किए जा रहे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘इस खामोश साजिश को अगर हमें नाकाम करना है और सफलता पानी है तो हमें अपने बच्चों और बच्चियों के लिए अलग-अलग शिक्षण संस्थाएं खुद स्थापित करनी होंगी.’ बयान के मुताबिक, मदनी ने यह आरोप भी लगाया कि आर्थिक और बेरोज़गारी की स्थिति से ध्यान हटाने के लिए “धार्मिक उन्माद” को बढ़ावा दिया जा रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि समय रहते स्थिति को नहीं संभाला गया तो देश को भारी नुकसान का सामना करना पड़ेगा.
मदनी ने कहा कि देश की वित्तीय एवं आर्थिक स्थिति बहुत कमज़ोर हुई है और बेरोज़गारी में खतरनाक हद तक इज़ाफा हुआ है, लेकिन सत्ता में बैठे लोग देश के विकास का ढिंढोरा पीट रहे हैं. बयान में कहा गया है, ‘जमीयत कार्यसमिति की बैठक समस्त न्यायप्रिय जमातों (संगठनों) और देश से प्रेम करने वाले लोगों से अपील करती है कि प्रतिक्रिया और भावनात्मक राजनीति की बजाय एकजुट हो कर चरमपंथी और फासीवादी ताकतों का राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर मुकाबला करें और देश में भाईचारा, सहिष्णुता और न्याय को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास करें.’
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Tags: Maulana Arshad Madani, Muslim Girls, Muslim Organisations
FIRST PUBLISHED : January 09, 2023, 23:52 IST
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