- टीचर्स ऑफ बिहार के ‘लेट्स टॉक’ में एसपी ने दिए साइबर सुरक्षा के टिप्स
पटना। गृह मंत्रालय एवं स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग समन्वित और व्यापक तरीके से साइबर अपराधों से निपटने के लिए ‘भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (l4C)’ योजना को लागू कर रहा है। इसे लेकर स्कूल और कॉलेजों के छात्र, शिक्षक एवं अभिभावकों के बीच जागरुकता पैदा करना है। इसके लिए साइबर जागरुकता दिवस 6 अक्टूबर से हर महीने के पहले बुधवार को सभी स्कूल, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में मनाया जाना प्रस्तावित है। इसके अंतर्गत कई कार्यक्रम आयोजित करने की बात कही गई है।
साइबर मंत्र मुहिम शुरू
इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए टीचर्स ऑफ बिहार के फाउंडर शिव कुमार ने साइबर जागरुकता अभियान के रूप में साइबर शिक्षा से साइबर सुरक्षा के तहत ‘साइबर मंत्र’ नाम से मुहिम की शुरुआत की है। इस क्रम में शनिवार को साइबर सुरक्षा और जागरुकता विषय पर ‘लेट्स टॉक’ में किया गया। इसमें साइबर क्राइम एवं आर्थिक अपराध इकाई के पुलिस अधीक्षक सुशील कुमार मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।
कई सवाल पूछे गये
लेट्स टॉक को मॉडरेट करते हुए भागलपुर जिले की शिक्षक नम्रता मिश्रा ने मुख्य अतिथि से साइबर सुरक्षा से जुड़े कई प्रश्न पूछे, जिसका उन्होंने जवाब दिया। मुख्य अतिथि ने कहा कि साइबर सुरक्षा सूचना और संचार प्रौद्योगिकी का सुरक्षित और जिम्मेदार उपयोग है। यह केवल जानकारी को सुरक्षित रखने के बारे में ही नहीं, बल्कि उसके प्रति जिम्मेदार होने, ऑनलाइन अन्य लोगों का सम्मान करने और अच्छे नेटिकेट (इंटरनेट शिष्टाचार) का व्यवहार करने के बारे में भी है।
साइबर सुरक्षा की जानकारी हो
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि भारत इंटरनेट का तीसरा सबसे बड़ा उपयोगकर्ता है। वर्तमान में इंटरनेट हमारे दैनिक जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है। यह हमारे दैनिक जीवन की अधिकांश पहलुओं को प्रभावित कर रहा है। इसलिए इंटरनेट का समुचित प्रयोग करना इंटरनेट उपभोक्ताओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। साइबर सुरक्षा की जानकारी होने पर साइबर अपराध की रोकथाम कर सकते हैं।
लुभावने ईमेल स्कैन से बचें
मुख्य अतिथि ने बताया कि हमें मुफ्त में उपलब्ध सॉफ्टवेयर से सावधान रहना चाहिए। संवेदनशील आंकड़े या सूचनाओं को साझा करते समय हमेशा सुरक्षित वेबसाइट का प्रयोग करना चाहिए। सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म पर किसी भी व्यक्ति से बातचीत करते समय उसकी प्रामाणिकता की जांच करना चाहिए। अपना ओटीपी, बैंक खाता विवरणी कभी भी किसी अनजान व्यक्ति के साथ साझा नहीं करना चाहिए। हमें लुभावने ईमेल स्कैन से बचना चाहिए। स्पैम संदेशों में उपलब्ध लिंक को नहीं खोलना चाहिए।
एक मजबूत पासवर्ड रखें
मुख्य अतिथि ने कहा कि किसी अज्ञात स्रोत से प्राप्त ईमेल संलग्न ऐप डाउनलोड नहीं करना चाहिए। किसी भी महत्वपूर्ण संचार साधन या लेनदेन के लिए सार्वजनिक कंप्यूटर अथवा नेटवर्क का उपयोग नहीं करना चाहिए। अपने मोबाइल उपकरणों में मीडिया फाइलों के स्वतंत्र लोड विकल्प को निष्क्रिय रखना चाहिए। अपने कंप्यूटर में किसी अपरिचित यूएसबी उपकरण को नहीं लगाना चाहिए। अपना कंप्यूटर छोड़ने से पहले हमें लॉगआउट करना चाहिए।
अपने मोबाइल उपकरणों को कभी भी अपरिचित व्यक्तियों के साथ साझा नहीं करना चाहिए। एक मजबूत पासवर्ड के साथ अपने कंप्यूटर और नेटवर्क को सुरक्षित रखना चाहिए। सुरक्षित संचार के लिए हमेशा समूह के बजाय एकल व्यक्ति को ईमेल भेजना चाहिए। इंटरनेट का उपयोग करते समय हमेशा साइबर सुरक्षा प्रथाओं और सुरक्षा नैतिकता का पालन करना चाहिए।
अवांछित ईमेल संदेशों से दूर रहें
एसपी ने बताया कि सार्वजनिक कंप्यूटर या नेटवर्क का उपयोग करते समय पासवर्ड या दस्तावेजों की अन्य संवेदनशील जानकारी को कभी भी संशोधित नहीं करना चाहिए। अवांछित ईमेल संदेशों और कॉल्स पर संदेहात्मक व्यवहार अपनाना चाहिए। इंटरनेट पर कभी भी किसी के साथ व्यक्तिगत जानकारी साझा नहीं करना चाहिए। अज्ञात व्यक्तियों से चैट सत्रों के माध्यम से कभी भी फाइलें डाउनलोड नहीं करना चाहिए।
इंटरनेट पर आगे बढ़ने के लिए एक्सेप्ट पर क्लिक करने से पहले हमेशा नियम और शर्तें ध्यान से पढ़ना चाहिए। उपहार देने का वादा करने वाले मुफ्त ऑनलाइन ऑफर से भी हमें सावधान रहना चाहिए। अपने पुराने पासवर्ड का दोबारा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
उक्त जानकारी टीचर्स ऑफ बिहार के प्रदेश प्रवक्ता रंजेश कुमार एवं प्रदेश मीडिया संयोजक मृत्युंजय ठाकुर ने संयुक्त रूप से दी।
श्रेय: स्रोत लिंक
इस बारे में चर्चा post