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भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि एंड्रॉइड मोबाइल डिवाइस इकोसिस्टम में कई बाजारों में गूगल द्वारा अपनी मजबूत स्थिति का दुरुपयोग किया गया है। यह कथित दुरुपयोग से संबंधित मुद्दा “राष्ट्रीय महत्व” का है और दुनिया देख रही है कि भारत इस मामले के साथ कैसे निपट रहा है। सीसीआई ने यह बात टेक दिग्गज गूगल की 1,337 करोड़ रुपये के जुर्माने के खिलाफ दायर की गई याचिका पर सुनवाई के दौरान कही। बता दें कि दो दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने गूगल पर भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के जुर्माने पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस कृष्णा मुरारी और पीएस नरसिम्हा की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। सुप्रीम कोर्ट में सीसीआई की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एन वेंकटरमन ने कहा कि शीर्ष अदालत को इस मुद्दे पर सुनवाई करनी चाहिए और गूगल को नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) में दो पारियां नहीं दी जानी चाहिए।
यह है पूरा मामला
पीठ ने कहा कि वह इस बात से सहमत है कि किसी के लिए दो पारियां नहीं हो सकती हैं और इस मामले पर अदालत गुरुवार को सुनवाई करेगी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने गूगल पर एंड्रॉयड मोबाइल उपकरण क्षेत्र में अपनी मजबूत स्थिति का दुरुपयोग कर प्रतिस्पर्धा को बाधित करने के लिए यह जुर्माना लगाया था। आयोग ने अपने आदेश में गूगल को अनुचित कारोबारी गतिविधियां बंद करने और कामकाज के तरीकों में बदलाव करने का निर्देश दिया भी दिया था। जिसके बाद गूगल ने जुर्माने के खिलाफ अपनी याचिका दायर कर जुर्माने पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की थी।
NCLAT से भी नहीं मिली राहत
बता दें कि गूगल पर Play Store नीतियों के संबंध में अपने वर्चस्व का दुरुपयोग करने के लिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने 1,337.76 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था जिस पर NCLAT ने अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने गूगल पर एंड्रॉयड मोबाइल उपकरण क्षेत्र में अपनी मजबूत स्थिति का दुरुपयोग कर प्रतिस्पर्धा को बाधित करने के लिए यह जुर्माना लगाया था।
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