भागलपुर2 घंटे पहलेलेखक: अभिषेक
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ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) ने कहा है कि देशभर में जितने भी तकनीकी संस्थान हैं, उन्हें अपने कोर्स के 60 प्रतिशत हिस्से का मूल्यांकन अनिवार्य रूप से कराना होगा।
ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) ने कहा है कि देशभर में जितने भी तकनीकी संस्थान हैं, उन्हें अपने कोर्स के 60 प्रतिशत हिस्से का मूल्यांकन अनिवार्य रूप से कराना होगा। जो संस्थान मूल्यांकन नहीं कराएंगे उनके छात्रों के जॉब प्लेसमेंट की संभावना खत्म हो जाएगी। इन छात्रों को एजुकेशन लोन भी नहीं मिलेगा। उनके संसाधन के मूल्यांकन के आधार पर यह तय होगा कि काउंसिल से उन्हें तीन साल की मान्यता मिलेगी या छह साल की। उसने कहा है कि तकनीकी संस्थान दाे साल के अंदर मूल्यांकन करा लें।
निजी तकनीकी संस्थानाें की शिकायत के बाद उठाया कदम
दरअसल कुछ निजी तकनीकी संस्थानों ने काउंसिल से शिकायत की थी कि वे लोग समय-समय पर मूल्यांकन कराते हैं, लेकिन ज्यादातर सरकारी संस्थान ऐसा नहीं करते हैं। इसीलिए काउंसिल ने यह निर्देश जारी किया है। भागलपुर काॅलेज ऑफ इंजीनियरिंग यानी बीसीई के सभी काेर्स और टीएमबीयू में चल रहे एमसीए व एमबीए कोर्स काउंसिल के दायरे में आते हैं। बीसीई पिछले साल नेशनल बोर्ड आॅफ एक्रीडिटेशन (एनबीए) के मानक पर पिछड़ गया था। कुछ अंकों की कमी के कारण उसे एनबीए की मान्यता नहीं मिल पाई थी।
दूसरी तरफ टीएमबीयू का एमसीए और एमबीए विभाग लगातार संसाधन की कमी से जूझ रहे हैं। उनमें अब तक नियमित शिक्षक नहीं हैं। दोनों जगह कांट्रेक्ट वाले शिक्षक ही पढ़ा रहे हैं। एमसीए को अपना भवन है लेकिन एमबीए अब तक पीजी कॉमर्स के भवन में चल रहा है। इसका नया भवन बना है लेकिन अब तक शिफ्ट नहीं हुआ है। यहां के शिक्षकों का कांट्रैक्ट भी 28 अक्टूबर को समाप्त हो गया है और अब तक रिन्यू नहीं हुआ है।
मूल्यांकन के तीन तरह के हैं मानक
मूल्यांकन के तीन तरह के मानक हैं। तकनीकी संस्थानों को एआईसीटीई और एनबीए से मूल्यांकन कराना होता है। इसमें इंजीनियरिंग कॉलेज को नेशनल बोर्ड एक्रीडिटेशन से भी मान्यता लेनी होती है जबकि सामान्य कॉलेजों का मूल्यांकन नैक के माध्यम से होता है। जानकारों ने बताया कि मान्यता नहीं मिलने पर छात्रों के जॉब मिलने में परेशानी होती है। खासकर विदेश में जॉब देते समय देखा जाता है कि छात्र जिस संस्थान से पास आउट हैं, उसे मान्यता है या नहीं। एजुकेशन लोन में भी परेशानी आती है।
बेहतर ग्रेड लाने की करेंगे काेशिश
बीसीई की प्राचार्य डॉ. पुष्पलता ने कहा कि मूल्यांकन कराने की तैयारी चल रही है। पिछली बार एनबीए के मानक पर कॉलेज बहुत थोड़े से अंक से पीछे रह गया था। लेकिन इस बार कोशिश की जाएगी कि उन कमियों को दूर कर बेहतर ग्रेड लिया जाए।
संसाधन बढ़ेंगे, नहीं हाेगी काेई परेशानी
एमसीए के निदेशक प्रो. विजेंदर कुमार ने कहा कि वीसी से बात हुई है। लाइब्रेरी को बेहतर बनाना है। ऑडिटोरियम भी बनेगा। संसाधनाें के बढ़ने से अप्रूवल में परेशानी नहीं होगी।
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