एमपीयुएटी के कुलपति डॉ अजीत कुमार कर्णाटक ने सीडीएफटी के टमाटर केचप प्लांट का निरीक्षण किया ) वहां उन्होंने टमाटर केचप बनने की पूरी प्रक्रिया का सूक्ष्मता से अवलोकन किया एवं प्लांट में कार्यरत विद्यार्थियों एवं कर्मचारियों से टमाटर केचप और प्लांट के बारे मे तकनीकी संवाद किया ) सीडीएफटी के अधिष्ठाता डॉ लोकेश गुप्ता ने बताया की वर्तमान में टमाटर की सस्ती कीमत एवं सहज उपलब्धता के चलते महाविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा टमाटर केचप बनाया जा रहा है ) यह टमाटर केचप विद्यार्थियों द्वारा ही बनाया जाता है और उनके द्वारा ही इसका विपणन भी किया जाता है ) यह टमाटर केचप भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) के विभिन्न मानकों के अनुरूप डॉ निकिता वधावन के तकनीकी मार्गदर्शन में बनाया जा रहा है ) गौरतलब है यह टमाटर केचप अनुभवात्मक प्रशिक्षण इकाई पुरे राजस्थान में सिर्फ सीडीएफटी में ही पूर्णतया कार्यरत है ) डॉ गुप्ता ने बताया की वर्तमान में महाविद्यालय में चार अनुभवात्मक प्रशिक्षण इकाई कार्यरत है और यह टमाटर केचप प्लांट उन चार इकाई में से एक है ) महाविद्यालय की आवला प्रसंस्करण इकाई में विद्यार्थियों द्वारा आवला के विभिन्न उत्पाद जैसे च्यवनप्राश, आवला कैंडी, आवला जूस इत्यादि स्वास्थ्यनुकुल परिस्थितियों में बनाया जाता है ) उल्लेखनीय है की महाविद्यालय के परिसर में यह आवला उगता है जिससे विद्यार्थी आवले की पैदावार से लेकर उसके उत्पादों के विपणन तक सीधे तौर पर सम्मिलित रहता है ) इसी तरह दुग्ध प्रसंस्करण इकाई में कृषि महाविद्यालय के पशु पालन विभाग से दुग्ध खरीद कर दुग्ध के विभिन्न मूल्य संवर्धित उत्पाद जैसे लस्सी, श्रीखंड, पनीर इत्यादि बनाये जाते है ) महाविद्यालय की मक्का प्रसंस्करण इकाई में मक्का के ग्लूटेन मुक्त विभिन्न उत्पाद जैसे ब्रेड, नान खटाई इत्यादि पूर्णतया स्वास्थ्यनुकुल परिस्थितियों में बनाये जाते है ) इन सभी इकाई में विद्यार्थियों द्वारा ही विभिन्न मूल्य संवर्धित उत्पाद महाविद्यालय के तकनीकी रूप से पूर्ण सक्षम प्राध्यापको एवं प्रशिक्षको के कुशल मार्गदर्शन में बनाये जाते है ) भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने कृषि शिक्षा को रोजगारपरक बनाने के उद्देश्य से अनुभवात्मक प्रशिक्षण को अनिर्वार्य कर दिया है ) सीडीएफटी अनुभवात्मक प्रशिक्षण को प्रभावशाली तरीके से लागू करने वाला राजस्थान का पहला और एकमात्र डेयरी एवं खाद्य महाविद्यालय बन गया है और यही वजह है की यहाँ के विद्यार्थियों को विभिन्न विश्वस्तरीय कंपनियों द्वारा अच्छे पैकेज पर प्लेसमेंट दिया जाता है ) वर्तमान में महाविद्यालय की अनुभवात्मक प्रशिक्षण इकाई सामयिक तौर पर कार्यरत है इन इकाई को वर्ष पर्यंत कार्यरत रखने हेतु महाविद्यालय बाहरी स्रोत से सेवाएँ प्राप्त करने के विकल्प पर गहनता से अध्ययन कर रहा है ) आत्म निर्भर भारत के ध्येय को लेकर महाविद्यालय में प्रति वर्ष ग्रामीणों, महिलाओ, छोटे उद्यमियों के लिए विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जाते है ) इसी क्रम में महाविद्यालय आगामी फरवरी माह में सूक्ष्म एवं लघु उद्यमियों के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर रहा है )
Source :
श्रेय: स्रोत लिंक
इस बारे में चर्चा post