सुमित शर्मा, सीहोर
9425665690
आदिवासियों के हितों के लाख दावे, उनके लिए चलने वाली योजनाएं, उनके लिए काम करने वाला विभाग, उनको मदद करने वाले जनप्रतिनिधि, अधिकारी एवं मुख्यमंत्री के निर्देश… यह सब होने के बाद भी बुदनी विधानसभा के आदिवासियों तक मूलभूत सुविधाएं भी नहीं पहुंच पा रही हैं। यही कारण है कि अब वे धर्म परिवर्तन करके ईसाई धर्म को अपना रहे हैं। यह स्थिति मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की बुधनी विधानसभा की बुदनी जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत रतनपुर के खेड़ा टप्पर की है। यहां पर भिलाला समाज के आदिवासियों के करीब 25 टप्परनुमा घर बने हुए हैं। इन तक भी सरकारी लाभ नहीं पहुंच पा रहा है।
प्रदेश सरकार इस समय जहां आदिवासियों के लिए कई योजनाएं चलाकर उनके जीवन को बदलने का दावा कर रही है तो वहीं अब आदिवासी युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए अलग से नीति बनाई जा रही है। यह सब कागजों एवं एसी कमरों में बैठकर तो चल रहा है, लेकिन जमीनी स्थिति इससे एकदम अलग है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की बुदनी विधानसभा में ही आदिवासियों तक कई मूलभूत सुविधाएं नहीं पहुंच पा रही हैं। वे सुविधाओं के अभाव में अब अपना धर्म भी छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं। मां बिजासन देवी सलकनपुर को अपनी इष्ट देवी मानने वाले भिलाला समाज के आदिवासी अब गॉड को अपना रहे हैं। यह स्थिति पूरे सिस्टम को आईना दिखाने के लिए काफी है।
हर गुरुवार को होती है प्रार्थना सभा-
अब यहां पर प्रत्येक गुरुवार को ईसाई समाज की प्रार्थना सभा भी आयोजित की जाती है। इसमें आसपास के गांव के लोग भी शामिल होकर प्रार्थना करते हैं। नाम नहीं छापने की शर्त पर ग्रामीणों ने बताया कि हर गुरुवार को 60-70 लोग यहां पर एकत्रित होकर प्रार्थना करते हैं। इसी तरह हर रविवार को यहां के लोग नसरूल्लागंज के पास स्थित किसी गांव में भी जाते हैं और वहां पर प्रार्थना करते हैं। यह क्रम यहां पर लंबे समय से चल रहा है, लेकिन अब तक इस पर नजर न तो ग्राम पंचायत के जिम्मेदारों की गई है और न ही यहां के जनप्रतिनिधि इस दिशा में कोई कारगर कदम उठा पाए हैं। ऐसे में यहां के भिलाला समाज के लोग तेजी से अपना धर्म छोड़कर ईसाई धर्म अपना रहे हैं। हालांकि जब इसकी जानकारी पुलिस तक पहुंची तो रेहटी पुलिस थाना प्रभारी गोपिन्द्र सिंह राजपूत पुलिस टीम के साथ ग्रामीणें के बीच पहुंचे और उन्होंने उन्हें समझाईश भी दी। साथ ही धर्म परिवर्तन न करने की सलाह भी दी।
जब से ईसाई धर्म अपनाया अब नहीं होती लड़ाई-
आदिवासी से ईसाई धर्म अपनाने वाली महिलाएं कहती हैं कि जब से उन्होंने धर्म परिवर्तन किया है, तब से उनके घर में लड़ाई नहीं होती है। दोनों पति-पत्नी अच्छे से जीवन गुजार रहे हैं। महिलाएं कहती हैं कि हिन्दू धर्म से ईसाई धर्म अच्छा है। अब उनके पति शराब भी नहीं पीते हैं।
ईसाई धर्म में लाभ है, इसलिए अपनाया-
धर्म परिवर्तन करने को लेकर यहां के ग्रामीण कहते हैं कि इतने सालों के बाद भी अब तक उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है। ग्रामीण बताते हैं कि जो लोग धर्म परिवर्तन कर रहे हैं उनका कहना है कि ईसाई धर्म को अपनाने के बाद उनके जीवन में बदलाव आया है, उन्हें स्वास्थ्य लाभ मिल रहा है, उन्हें दूसरे तरह के कई अन्य फायदे भी हो रहे हैं। नाम नहीं छापने की शर्त पर ग्रामीणों का कहना है कि यहां पर न तो पंचायत द्वारा सुविधाएं दी जा रही हैं और न ही सरपंच एवं कोई नेता यहां पर आकर स्थिति देखता है। वे कहते हैं कि जो स्थिति हमारी पहले थी वही आज भी है। ईसाई धर्म अपनाने वाले लोगों के बारे में बताते हुए ग्रामीण कहते हैं कि उन्हें वहां पर कई तरह के लाभ दिए जाते हैं। उनका स्वास्थ्य बेहतर रहता है। यही कारण है कि लोग ईसाई धर्म को अपना रहे हैं।
जागरूकता की कमी, सुविधाओं का अभाव-
शासकीय सैटेलाइट प्राथमिक शाला खेड़ा टप्पर के शिक्षक रामदास मालवीय से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि कहीं न कहीं जागरूकता की कमी के कारण ऐसी स्थिति बनी हुई है। उन्होंने यह भी बताया कि वे बच्चों को अपने धर्म के प्रति लगाव रखने की समझाईश देते हैं तो वहीं उन्हें यह भी बताते हैं कि सनातन धर्म ही सबसे पुराना धर्म है और सब इसके साथ ही रहें। अब उन्होंने स्कूल के लिए मां सरस्वती की मूर्ति खरीदी है, ताकि अब वे रोजाना मां सरस्वती की मूर्ति के सामने सभी बच्चों को खड़ा करके प्रार्थना करवाएंगे।
मामला संज्ञान में आया है, अब देंगे समझाईश-
ग्राम पंचायत रतनपुर के पंचायत सचिव जियालाल यादव कहते हैं कि अब मामला उनके एवं पंचायत के संज्ञान में आया है। इसके लिए अब वहां जाकर लोगों को जागरूक करेंगे। वे कहते हैं कि यहां रहने वाले लोगों को सरकारी सुविधाएं भी मुहैया करवाई जाती है। वृद्धावस्था पेंशन, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री आवास योजना सहित कई अन्य योजनाओं का लाभ भी ग्रामीणों को दिया गया है। कई अन्य लोगों के नाम आगामी दिनों के लिए भी सूची में है। उनको समय-समय पर योजनाओं के लाभ की जानकारी भी दी जाती है। इसके बाद भी वे धर्म परिवर्तन कर रहे हैं।
श्रेय: स्रोत लिंक
इस बारे में चर्चा post