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इंदौर5 मिनट पहले
स्वच्छता में देश में छह बार परचम लहराने वाले इंदौर में जल्द ही सोयाबीन सीड्स पार्क बनाया जाएगा। इस सोयाबीन हब में हाई क्वालिटी के बीज तैयार होंगे जिसका फायदा मप्र के किसानों को ही नहीं बल्कि देशभर के किसानों को मिलेगा। अच्छी क्वालिटी के बीज तैयार होने से प्रोडक्टविटी बढ़ेगी और एक्सपोर्ट को भी बढ़ावा मिलेगा। इससे किसान तो आत्मनिर्भर बनेंगे ही देश को भी भी फायदा होगा और प्रति हेक्टेयर उत्पादन बढ़ेगा। सरकार सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिशन ऑफ इंडिया (SOPA) से समन्वय कर इंदौर में आईटी पार्क की तरह सोया सीड्स पार्क स्थापित करेगी। इसके लिए जल्द ही जमीन उपलब्ध कराएगी।
यह बात प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने रविवार को ‘दैनिक भास्कर’ से विशेष बातचीत में कही। वे यहां ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में आयोजित सोयाबीन इंटरनेशनल कॉन्क्लेव में आए थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों को अच्छी गुणवत्ता वाला बीज देगी जिससे तो उत्पादन अच्छा होगा व किसानों की आय बढ़ेगी।
देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प ‘आत्मनिर्भर भारत’ में किसानों का सोयाबीन में खासा योगदान है। हमारा प्रदेश सोया प्रदेश कहलाता है। देश में सबसे ज्यादा 50% से ज्यादा सोया उत्पादन मप्र में होता है। मप्र का बीज पूरे महाराष्ट्र, कर्नाटक और राजस्थान जाता है इसलिए मप्र में मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में सोपा से आह्लान किया है कि इंदौर में सोयाबीन के बीज बनाने के लिए इण्डस्ट्रियल हब बने।
खेती के साथ व्यापार-व्यवसाय व उद्योग भी लगा सकेंगे किसान
उन्होंने कहा कि जैसे आईटी पार्क है वैसे ही सोया बीज पार्क बनाया जाएगा। उसके लिए सरकार जमीन भी उपलब्ध कराएगी। सोपा ने इसके लिए सहमति दी है। सोयाबीन सीड्स पार्क में अच्छा बीज बनेगा तो उत्पादन बढ़ेगा व किसानों की आय बढ़ेगी। किसान आत्मनिर्भर होगा तो देश भी आत्मनिर्भर होगा और किसानों की आय दोगुनी होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों को एमएसपी नहीं एमआरपी बना रहे हैं। किसान खेती भी करेगा, व्यापार-व्यवसाय भी करेगा और उद्योग भी लगाएगा ताकि गांवों में अन्य को भी रोजगार मिलेगा। किसानों की आय बढ़े इस पर और भी मंथन कर रहे हैं। सोपा ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए अच्छी टेक्नोलजी के साथ बीजों को तैयार किया है। सोपा और भी अनुसंधान करे, किसानों को अच्छे किस्म के बीज बनेंगे तो किसान प्रोत्साहित होंगे।
दीप प्रज्जवलन कर कॉन्क्लेव का दूसरे दिन के सेशन का शुभारंभ करते मंत्री पटेल।
एक्सपोर्ट चार्ज में राहत को लेकर केंद्र को लिखा पत्र
उन्होंने कहा कि एक्सपोर्ट व परिवहन शुल्क में रियायत को लेकर केंद्र सरकार को पत्र लिखा है। देश से जितना ज्यादा एक्सपोर्ट होगा उतना देश को फायदा होग। ऐसे में हमारे यहां की इण्डस्ट्री भी पनपेगी और किसानों को अच्छे रेट भी मिलेंगे। सरकार छोटे किसानों को चने, मूंग आदि के नि:शुल्क बीज उपलब्ध कराती है व सबसिडी भी देती है। यह सरकार ही किसानों की है। सोयाबीन सीड्स पार्क बनने से देश में बीज बढ़ेगा और प्रति हेक्टेयर कृषि उत्पादन बढेगा।
फाइव ट्रिलियन इकोनामी बनाने के कम करना होगा इम्पोर्ट : गडकरी
कॉन्क्लेव में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी वचुर्अली उपस्थित हुए। उन्होंने कहा कि फाइव ट्रिलियन इकोनामी बनाने के लिए देश में आयात कम करना होगा। भारत खाद्य तेलों का सबसे बड़ा आयातक है। देश में सोयाबीन की उत्पादकता अमेरिका और दक्षिण अमेरिकी देशों के मुकाबले काफी कमजोर है। अमेरिका, ब्राजील, अर्जेंटीना में प्रति एकड़ सोयाबीन 26 से 30 क्विंटल होती है हमारे यहां सिर्फ 5 क्विंटल पैदावार होती है। ऐसे में बीजों के विकास पर ध्यान देना होगा।
गडकरी ने सुझाव दिया कि प्रमुख सोयाबीन उत्पादक राज्य होने के नाते मप्र को अलग से सोया नीति बनाना चाहिए। उन्होंने सोया से खाद्य उत्पादों के विकास से लोगों को अच्छा प्रोटीन मिल सकेगा। देश का सोया मील विदेश में जाने की बजाय यहीं उपयोग होगा और अच्छी कीमतें मिलेंगी। उन्होंने किसानों की स्थिति सुधारने के लिए अब कृषि उपजों से ईंधन, ग्रीन हाइड्रोजन बनाने जैसे प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। किसान न केवल अन्नदाता बल्कि उर्जा प्रदाता भी बन सकेगा।
एक्सपोर्ट में छूट दें सरकार : डॉ. जैन
सोपा के चेयरमेन डॉ. डेविश जैन ने विदेश से आयात होने वाले खाद्य तेलों की मात्रा पर नियंत्रण का मांग करते हुए कहा कि इससे किसानों को सोयाबीन का सही मूल्य मिल सकेगा। सोयामील निर्यात पर सरकार को निर्यात इन्सेंटिव के रूप में कुछ छूट या राहत देना चाहिए। इससे भारतीय सोया मील विदेशी प्रतिस्पर्धा में टिक सकेगा। निर्यात बढ़ेगा तो किसानों को अच्छी कीमत मिलेगी। सोपा ने विभिन्न मांगों के साथ अगले महीने तेल आयात पर नियंत्रण और अन्य मांगों को लेकर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की बात भी कही।
…तो किसान बांस लगाने पर होगा मजबूर : पटेल
महाराष्ट्र के किसान नेता पाशा पटेल ने कहा कि यदि किसानों को सोयाबीन की कीमतें सही नहीं मिली तो वह सोयाबीन उगाना छोड़कर बांस उगाने पर जोर देगा। देश में प्रति एकड़ सोयाबीन का उत्पादन 2 से 3 क्विंटल से ज्यादा नहीं है जबकि विदेशों में 20 से 25 क्विंटल तक उत्पादन है।
इन उद्योगों को मिले अवार्ड
देश के दस सोयाबीन उद्योगों को सोया प्रोसेसिंग के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन के लिए कॉन्क्लेव में पुरस्कृत किया गया। सोयामील के सबसे ज्यादा एकसपोर्ट के लिए अवि एग्रो बिजनेस, प्रेस्टिज फीड मील और गुजरात अंबुजा क्रमश: पहला, दूसरा और तीसरा पुरस्कार मिला। सोयाबीन प्रोसेसिंग के लिए भी तीनों उद्योग पुरस्कृत हुए। इसी के साथ मर्चेंट एक्सपोर्ट अवार्ड गुजरात अंबुजा एक्सपोर्ट को मिला। एक्सपोर्टर और वेल्यु एडेड अवार्ड सोनिक बायोकेम एक्सट्रेक्शन, अडानी विलमर और अवि एग्रो को दिया गया।
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