क्या होता है संथारा?
दरअसल जैन धर्म में संथारा को संलेखना भी कहा जाता है। यह एक तरह का धार्मिक संकल्प होता है। इस संकल्प के जरिए संथारा ग्रहण करने वाला व्यक्ति खुद को एक कमरे में बंद करके अन्न-जल का त्याग कर देता है। यह तब तक चलता है जब तक कि संथारा ग्रहण करने वाला व्यक्ति अपनी देह ना त्याग दे।
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