चित्रकूट42 मिनट पहले
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ग्रामोदय मेले में आयोजित सेमिनार में बोलते प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही।
उत्तर प्रदेश में जो भी कार्य दिख रहा है, उसका श्रेय नाना जी और अटल जी को जाता है। भारत की जीवन शैली को लेकर हमें आगे बढ़ना है। संस्थान की स्थापना इसी भाव के साथ नाना जी ने की है। सामाजिक क्रांति का समग्र विकास जेपी के बाद यदि किसी ने किया है तो वह नाना जी ही हैं। मै दोनों महापुरुषों को विनम्र श्रद्धांजलि देता हूं। यह बातें प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने ग्रामोदय मेला में चल रहे सेमिनार “वर्तमान परिपेक्ष्य में रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती” के दौरान कहीं।
उन्होंने कहा कि नाना जी ने अंत्योदय के मॉडल को सर्वप्रथम गोंडा में जमीन पर उतारा, जो आज संपूर्ण भारत में फैल चुका है। प्राकृतिक खेती का आधार देसी नस्ल की गाय हैं। जिनका संरक्षण एवं संवर्धन राष्ट्र ऋषि नानाजी ने किया है।
चित्रकूट में ग्रामोदय मेले के तीसरे दिन आयोजित सेमिनार में मौजूद मंत्री, जनप्रतिनिधि और विशषेज्ञ।
नानाजी देशमुख की 106वीं जयंती पर सेमिनार
भारत रत्न नानाजी देशमुख की 106वीं जयंती के अवसर पर चित्रकूट में ग्रामोदय मेला के तीसरे दिन आयोजित सेमिनार में मंत्री शाही ने कहा कि पंजाब में सर्वाधिक रासायनिक खाद प्रयोग की जाती है, जिसके फलस्वरूप सर्वाधिक असाध्य रोगी भी वहीं से आते हैं।
प्रदेश में हम प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रहे
मंत्री ने कहा कि आज पूरा संसार बीमार हो रहा है। इसलिए प्राकृतिक खेती जरूरी है। उत्तर प्रदेश में हम प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रहे हैं। हमारे 70 जनपदों में इस कार्य को शुरू कर दिया है। सभी के पैरामीटर समान है। बुंदेलखंड के सातों जिलों के 47 विकास खंडों में प्राकृतिक खेती का कार्य सर्वप्रथम आरंभ किया जा रहा है।
मानव दर्शन के यथार्थ शिल्पकार नानाजी
दीनदयाल शोध संस्थान के प्रधान सचिव अतुल जैन ने कहा कि सही मायने में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानव दर्शन के यथार्थ शिल्पकार नानाजी ही थे। प्राकृतिक खेती का स्वरूप नाना जी ने पूर्व में ही स्पष्ट कर दिया था। प्राकृतिक खेती पूर्णतया गौ आधारित है।
हरित क्रांति के कारण आत्मनिर्भरता बढ़ी
गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने ऑनलाइन संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि कृषि वैज्ञानिकों की हरित क्रांति के कारण आत्मनिर्भरता बढ़ी है, उन्हीं के अथक प्रयासों से हमारे देश में खाद्यान्न के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता आई है।
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