हाइलाइट्स
प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को छत्तीसगढ़ के 38 लोकेशन पर सर्च ऑपरेशन को अंजाम दिया.
इस दौरान आरोपियों के पास से करीब 4 करोड़ कैश, करोड़ों की ज्वेलरी बरामद की गई.
जांच एजेंसी के मुताबिक फिलहाल 500 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बनता दिख रहा है.
रायपुर. केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए मंगलवार सुबह छत्तीसगढ़ के 38 लोकेशन पर सर्च ऑपरेशन को अंजाम दिया. इस सर्च ऑपरेशन के दौरान जांच एजेंसी को आरोपियों के पास से करीब चार करोड़ की नकदी, करोड़ों रुपये की सोने की ज्वेलरी समेत कई बेसकीमती सामान बरामद किया गया.
दरअसल छत्तीसगढ़ में कोयले के टेंडर घोटाला और उन काले कारोबारियों के साथ कई सरकारी अधिकारियों की संदिग्ध भूमिका की वजह से इस मामले की पड़ताल शुरू की गई थी. लिहाजा मामले की तफ्तीश के पहले काफी जांच पड़ताल की गई और काफी पुख्ता इनपुट्स मिलने के बाद रायपुर के देवेंद्र नगर इलाके में स्थित एक चार्टेड एकाउंटेंट विजय मालू, रायगढ़ में आईएएस अधिकारी रानू साहू (Ranu Sahu), महासमुंद्र में कांग्रेस नेता अग्नि चंद्राकर (Agni Chandrakar) और अनुपम नगर में सूर्यकांत तिवारी (Surya Kant Tiwari) के आवास सहित अन्य लोकेशन पर सर्च ऑपरेशन को अंजाम दिया गया.
अवैध कोयले के खेल में 500 करोड़ की लेवी का मामला
इस मामले की तफ्तीश के दौरान ईडी की टीम को कई ऐसे महत्वपूर्ण दस्तावेज और सबूत मिले हैं, जिससे कई बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं. दरअसल सूत्रों की मानें तो जांच एजेंसी के तफ्तीशकर्ताओं को सर्च ऑपरेशन के दौरान कई ऐसे दस्तावेज बरामद मिले हैं, जिससे पता चलता है कि छत्तीसगढ़ में राजनीतिक गलियारों के कई वरिष्ठ नेताओं, राज्य में कार्यरत कई वरिष्ठ अधिकारी और कोयले का काला कारोबार करने वाले बिचौलियों की मदद से कुछ कारोबारी ‘लेवी वसूली ” का खेल (Extortion racket game) खेल रहे हैं.
सूत्रों के मुताबिक, कई सरकारी अधिकारियों को इस काले धंधे का बैसाखी बनाकर करोड़ों रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग की जा रही थी. जांच एजेंसी के राडार पर फिलहाल 500 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बनता दिख रहा है, जो आने वाले वक्त में तफ्तीश के बाद और ज्यादा बढ़ भी सकता है.
’25 रुपये प्रति टन था लेवी रेट’
जांच एजेंसी ईडी की तफ्तीश में ये भी पता चला है कि कोयले के अवैध कारोबार के लिए 25 रुपये प्रति टन के हिसाब से अवैध वसूली यानी लेवी का रेट तय किया था, जिसे सभी कारोबारियों को देना था. इस हिसाब से तय समय के अंतराल और अब तक की तफ्तीश में ही ये आंकड़ा 500 करोड़ रुपये को पार जा चुका है.
सूत्रों के मुताबिक आने वाले वक्त में इस मामले में और ज्यादा इजाफा देखने को मिल सकता है और कई बड़े खुलासे तथा आरोपियों की गिरफ्तारी भी देखने को मिल सकती है. ईडी मुख्यालय में तैनात सूत्र के मुताबिक इस मामले में आने वाले वक्त में कई बड़े नाम सामने आ सकते हैं. हालांकि अधिकारियों का कहना है कि अभी तफ्तीश शुरू हुई है ऐसे में उसके बारे में अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी.
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Tags: Chhattisgarh news, Coal scam, Enforcement directorate
FIRST PUBLISHED : October 11, 2022, 22:11 IST
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