क्राइम ब्रांच की टीम को रवि व आकाश ने ऑनलाइन धोखाधड़ी की शिकायत की थी। दोनों फरियादी से सोशल मीडिया पर ऑनलाइन सस्ते खिलौने दिलाने का झांसा देकर 3 लाख से ज्यादा ठगे गए थे। संबंधित फर्म का पता ग्वालियर का बताया गया लेकिन जांच हुई तो पता चला कि विशाल किंगरानी निवासी जूनी इंदौर ने आलोक महाजन बनकर ठगी की थी। पुलिस विशाल तक पहुंची लेकिन केस दर्ज कर गिरफ्तार करने के बजाए फरियादी को 2.32 लाख दिलाने का दावा कर फाइल बंद कर दी।
साइबर अपराध cyber crime …
आरोपी ने अपने फर्जी पेज के जरिए कई लोगों को ठगा होगा लेकिन पुलिस ने कार्रवाई करना उचित नहीं समझा। डीसीपी क्राइम निमिष अग्रवाल से जब कार्रवाई के बारे में पूछा तो उनका तर्क था, वीआइपी ड्यूटी में व्यस्त होने से अभी कुछ देख नहीं पाया इसलिए कुछ बता नहीं पाऊंगा।
इन मामलों में ज्यादा शिकायतें
बिजली बिल नहीं भरने पर कनेक्शन काटने का मैसेज कर ठगी के मामले हाल के समय में ज्यादा आए हैं।
लोन व नौकरी का झांसा देकर ठगी के मामले भी लगातार आ रहे हैं।
सेक्सटॉर्शन के जरिए अश्लील वीडियो वायरल करने की धमकी देकर ब्लैकमेल करने की भी शिकायतें आ रही हैं।
4 लोगों की जान गई, जांच अब भी अधूरी
दो महीने पहले भागीरथपुरा में इंजीनियर, उसकी पत्नी व दो बच्चों की मौत के मामले में भी लोन ऐप ही कारण बना था। हंगामा हुआ तो डीसीपी क्राइम ब्रांच को जांच दी गई। ऐप की जानकारी निकालने के दावे किए गए लेकिन दो महीने बाद भी जांच अधूरी है।
6450 शिकायतें मिलीं
वर्ष 2022 मेें अब तक साइबर फ्रॉड cyber crime से संबंधित 6450 शिकायतें क्राइम ब्रांच व साइबर हेल्प लाइन पर आ चुकी हैं। इनमें करीब 25 करोड़ की धोखाधड़ी की आशंका है जिसमें से 3 करोड़ लोगों को तुरंत शिकायत करने पर वापस दिलवा दिए गए लेकिन शेष में कुछ नहीं हुआ।
कमीशन का ‘खेल’
जिन मामलों में राशि वापस कराई जाती है उसमें भी आरोपी गिरफ्त से दूर हैं। अफसरों को शिकायत पहुंची है कि पीड़ित कमिशन अदा करने के लिए तैयार हो जाता है तो उसकी राशि लौटाने में प्राथमिकता दी जाती है, जो कमिशन का बात नहीं करता वह चक्कर लगाता रहता है।
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