जयपुर26 मिनट पहलेलेखक: सुरेन्द्र स्वामी
- कॉपी लिंक
देश भर में एमबीबीएस, एमडी और एमएस कर रहे डॉक्टर अब क्यू आर कोड स्कैन करके नए रिसर्च पेपर, म्यूजियम के उपकरण, स्पेसिमेन, एंजाइटी, स्ट्रेस टूल्स, परीक्षा के टिप्स व पिछली परीक्षाओं के पेपर आसानी से पढ़ सकेंगे।
देश भर में एमबीबीएस, एमडी और एमएस कर रहे डॉक्टर अब क्यू आर कोड स्कैन करके नए रिसर्च पेपर, म्यूजियम के उपकरण, स्पेसिमेन, एंजाइटी, स्ट्रेस टूल्स, परीक्षा के टिप्स व पिछली परीक्षाओं के पेपर आसानी से पढ़ सकेंगे। क्यू-आर कोड स्केन करके ऑनलाइन स्टडी मैटेरियल के लिए लिंक मिलेगा जयपुर के आरयूएचएस कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज के फार्माकोलोजी विभाग ने यह पहल की है। इसके साथ ही आने वाले दिनों में वेबसाइट पर क्यू-आर स्केन के जरिए सारी जानकारी ऑनलाइन ही मिल जाएगी।
मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्रों ने भी इस तकनीक को काफी अच्छा माना है। आरयूएचएस कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज के फार्माकोलोजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. लोकेन्द्र शर्मा ने बताया कि स्कैनिंग टेक्नोलोजी का उपयोग करने वाला देश का ये पहला सरकारी मेडिकल कॉलेज है, जहां पर डॉक्टर बिना किसी तनाव के खुद ही अध्ययन कर सकेंगे। डिप्रेशन टूल्स को मापदंडो के आधार पर वे इस्तेमाल कर सकेंगे।
अध्ययन में स्टूडेंट्स ने भी पसंद किया था इस तकनीक को
आरयूएचएस कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज के सेकंड ईयर के 141 मेडिकल छात्रों पर किए गए अध्ययन के दौरान 127 छात्रों ने क्यू-आर कोड स्केन तकनीक को अच्छा माना। यह स्टडी अंतरराष्ट्रीय यूरोपियन जर्नल में भी प्रकाशित हुई।
अंतरराष्ट्रीय नक्शे पर दिखेगा आरयूएचएस का यह कॉलेज
आरयूएचएस के कुलपति डॉ. सुधीर भंडारी का कहना है कि आने वाले दिनो में आरयूएचएस से जुड़े कॉलेजों को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय नक्शे पर ले जाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। प्राचार्य डॉ. विनोद जोशी ने बताया कि मेडिकल छात्रों पर अध्ययन के दौरान 90 फीसदी ने इसे सबसे अच्छी तकनीक माना है।
अब मेडिकल स्टडीज में भी टेक्नोलॉजी का समावेश
लगातार मेडिकल स्टडीज में टेक्नोलॉजी का समावेश किया जा रहा है। इससे पढ़ने में काफी सहूलियत मिलती है। दूसरी ओर, तकनीकी संस्थान भी इस काम में मेडिकल संस्थानों का सहयोग कर रहे हैं। देश के आईआईटी व एम्स भी कई प्रोजेक्ट्स को साथ में कर रहे हैं।
श्रेय: स्रोत लिंक
इस बारे में चर्चा post