बर मारवाड़4 घंटे पहले
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कृषि विज्ञान केन्द्र रायपुर द्वारा राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के िवत्तीय सहयोग से रायपुर क्षेत्र के आस – पास के किसानों को नवीनतम तकनीकों के प्रति जागरूक करने एवं उपलब्ध तकनीकों को किसान भाई सीख कर जल्दी एवं सुगमता से अपना सके इस हेतु के साथ तीन दिवसीय प्रशिक्षण एवं भ्रमण का आयोजन किया गया जिसमे 22 प्रगतिशील एवं युवा कृषकों ने भाग लिया।
इन तीन दिवसीय प्रशिक्षण मे प्रथम दिवस राष्ट्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केन्द्र, तबीजी अजमेर में विशेषज्ञ वैज्ञानिका ने जीरे की उन्नत किस्म जी सी-4 की वैज्ञानिक खेती करने तरीको के बारे में विस्तृत जानकारी दी एवं मैथी, धनिया व अन्य मसाला फसलों की वैज्ञानिक खेती के बारे में जानकारी देते हुए बून्द-बून्द सिंचाई को अपनाने पर जोर देने के लिए कहा तथा साथ ही मूल्य संवर्धन पर भी किसानों से संवाद किया जिससे किसानों के उत्पादन एवं आय में वृद्धि हो।
किसानों को पौधशाला में थार शोभा, बेर अन्य पौधों के बारे में दी जानकारी, वैज्ञानिक तरीके से करेंगे खेती
कृषि विज्ञान केन्द्र अजमेर के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष ने किसानों को केवीके में स्थापित विभिन्न प्रदर्शन इकाइयों जिसमें वर्मी कम्पोस्ट, बटेर, बकरी एवं मुर्गी पालन एवं अजोला इकाई के साथ अन्य इकाइयों का भ्रमण करवाने के साथ बागवानी की खेती में वर्मी कम्पोस्ट के फायदों के बारे में बताया।
बटेर पालन को एक उभरता हुआ व्यवसाय बताकर कम लागत में अधिक मुनाफा लेने वाला व्यवसाय बताया। इसी तरह दूसरे एवं तीसरे दिन इस भ्रमण दल ने काजरी संस्थान जोधपुर का भ्रमण किया जिसमें काजरी द्वारा शुष्क क्षेत्र में बागवानी फसलों की खेती पद्धति के बारे मे किसानों ने सिखा।
कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को वर्मी कम्पोस्ट, बटेर, बकरी एवं मुर्गी पालन के बताए तरीके
इसके साथ ही किसानों का समूह कृषि विष्वविधालय, जोधपुर का प्रवास भी किया जहां पर वैज्ञानिकों ने प्रदर्शन इकाइयों में बागवानी नर्सरी, मशरूम उत्पादन इत्यादि के बारे में भ्रमण कराते हुए किसानों को बागवानी अपनाने के लिए प्रेरित किया तथा बताया की यह किसानों की आय दोगुनी करने किस तरह से एक वरदान साबित होगी। नाबार्ड के सहायक महा प्रबंधक विनोद दाधीच एवं केवीके के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डाॅ महेन्द्र सिंह चांदावत मौजूद रहे।
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