दिग्विजय सिंह शुक्रवार को नामांकन दाखिल कर सकते हैं. ऐसे में सवाल ये भी उठ रहा है कि क्या दिग्विजय सिंह को गांधी परिवार का समर्थन है. वहीं अशोक गहलोत के चुनाव लड़ने पर भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है.
Image Credit source: PTI
राजस्थान में जारी सियासी हंगामे के बीच कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव को लेकर भी चर्चा जोरों पर है. इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह भारत जोड़ो यात्रा छोड़कर बुधवार देर रात दिल्ली आ रहे हैं. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया है कि वह कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर दिल्ली आ रहे हैं. इसी के साथ उन्होंने उनके कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने की संभावनाओं पर भी हामी भरी है. उन्होंने निजी बातचीत में कहा, मेरा दिल्ली आने का कोई कार्यक्रम नहीं था, कांग्रेस अध्यक्ष पद के सिलसिले में ही मैं दिल्ली आ रहा हूं. उन्होंने कहा, मेरी गांधी परिवार से कोई बात नहीं हुई है. लेकिन ये मेरा अपना निर्णय है कि, मैं अध्यक्ष का चुनाव लड़ सकता हूं, नामांकन दाखिल कर सकता हूं.
सूत्रों की मानें तो दिग्विजय सिंह शुक्रवार को नामांकन दाखिल कर सकते हैं. ऐसे में सवाल ये भी उठ रहा है कि क्या दिग्विजय सिंह को गांधी परिवार का समर्थन है. वहीं अशोक गहलोत के चुनाव लड़ने पर भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है. शशि थरूर साफ कर चुके हैं कि 30 सितंबर को दोपहर 12:30 बजे वह अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करेंगे.
मल्लिकार्जुन खड़े के नाम पर भी चर्चा
इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम मल्लिकार्जुन खड़गे के करीबी सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी अगर कहेंगी तो पार्टी के वरिष्ठ नेता एम मल्लिकार्जुन खड़गे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने से गुरेज नहीं करेंगे. पूर्व केंद्रीय मंत्री और नेहरू-गांधी परिवार के भरोसेमंद खड़गे का नाम भी 17 अक्टूबर को होने वाले एआईसीसी अध्यक्ष पद के चुनाव के लिये चर्चा में है. इस चुनाव के लिये नामांकन प्रक्रिया 30 सितंबर तक चलेगी.
राज्यसभा में नेता विपक्ष के एक करीबी सहयोगी ने कहा, खड़गे ने सोनिया गांधी को बताया है कि पार्टी जो भी फैसला लेगी, वह उसका पालन करेंगे. कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि खड़गे का राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार और माकपा महासचिव सीताराम येचुरी जैसे विपक्ष के नेताओं के साथ अच्छा जुड़ाव और संबंध है जो एक अतिरिक्त लाभ होगा और वह हमेशा की तरह तेज-तर्रार भी हैं. एक अन्य नेता ने कहा, हिंदीभाषी क्षेत्रों में भी, उनकी हिंदी के लिये लोग उन्हें पसंद करते हैं.
सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में राहुल गांधी की वापसी की वकालत करने वाले खड़गे का मानना है कि लोकसभा चुनाव में सिर्फ दो साल बाकी हैं तथा देश का दौरा करना और पार्टी को आगे ले जाना एक बहुत ही बड़ा काम है. करीबी सहयोगी ने कहा, उन्होंने (खड़गे ने) पार्टी द्वारा कही गई किसी भी बात से इनकार नहीं किया. पार्टी ने उनका ध्यान रखा, पार्टी जो भी फैसला करेगी, वह मानेंगे.
(भाषा से इनपुट)
श्रेय: स्रोत लिंक
इस बारे में चर्चा post