नई दिल्ली. पंडाल बनावे वाला, मूर्ति बनावे वाला, बिजली के काम करे वाला, सुरक्षा गार्ड, पुजारी, ढाकी, मूर्ति परिवहन से जुड़ल मजदूर, भोग आ खानपान के इंतजाम से जुड़ल लोग पूजा में ठीक- ठाक कमाई क लेला. एफएफडी के अध्यक्ष काजल सरकार (महिला) के कहनाम बा कि दुर्गापूजा के दौरान दुर्गापूजा आ पंडाल से जुड़ल व्यवसाय से त कमाई होखबे करेला, एकरा अलावे फैशन, कपड़ा, जूता- चप्पल, सौंदर्य प्रसाधन आ कई गो खुदरा क्षेत्र में भी लोग सामान कीनेला. कुछ पत्रिका पूजा विशेषांक निकालेली सन त ओकनी बिक्री खूब होला, एह पत्र- पत्रिकन के विज्ञापन मिलेला, एकरा अलावा यात्रा (टैक्सी, आटो रिक्शा वगैरह के बुकिंग), होटल, रेस्तरां आ मनोरंजन व्यवसाय (स्टेज शो आ गाना- बजाना करे वाला कलाकार) के आमदनी के नया मौका मिलेला. काजल सरकार के अनुमान बा कि एह साल त्यौहार से करीब 50 हजार करोड़ रुपया के लेनदेन भइल बा. ब्रिटिश काउंसिल सन 2019 में दुर्गा पूजा पर एगो अध्ययन कइले रहे जौना से पता चलल कि पश्चिम बंगाल के दुर्गा पूजा, जीडीपी (ग्रॉस डॉमेस्टिक प्रोडक्ट भा सकल घरेलू उत्पाद ) में 2.5 प्रतिशत के योगदान करेला. ई जीडीपी का ह? त सरकार, आम आदमी के भाषा में- साल भर में कौनो देश में तैयार होखे वाला उत्पाद आ सेवा क्षेत्र के बिजनेस (होटल वगैरह) के लाभ मिला दिहल जाउ, आ ओकर कीमत बाजार के मुताबिक लगावल जाउ, त ओही के ओह देश के अर्थव्यवस्था के जीडीपी कहल जाला. पश्चिम बंगाल के जानकार लोगन के कहनाम बा कि कोविड-19 महामारी के बाद कुछ विशेषज्ञ लोगन के अंदाज बा कि एह साल पूजा में आर्थिक लेनदेन ब्रिटिश काउंसिल के पुरनका अनुमान से कहीं अधिका बा.
कोलकाता के दुर्गापूजा में कुछ अइसनो छोट- मोट व्यवसायी सक्रिय हो जाला जे साल भर चुपचाप बइठल रहेला. कइसे? त जब रउरा कोलकाता के दुर्गापूजा घूमे निकलब त सड़क के किनारे तरह- तरह के स्टाल लागल रहेलन स जौना के आजकाल स्ट्रीट फूड कहल जाता. ओइजा गोलगप्पा, चाट से लेके चाउमीन, कचौड़ी- छोला से लेके स्वादिष्ट पनछूछुर तरकारी मिली. एह दोकानदारन में अइसन ढेर लोग मिल जाई जे कौनो तीज- त्यौहार पर ही आपन स्टाल लगावेला. बाकी समय अलसाइल रहेला काहें से कि लइका- फइका बड़ होके कमातारे सन त खाए- पीए के कौनो कमी नइखे. जे दुर्गापूजा पंडाल घूमे निकलेला ऊ घर में खाना ना बनावे. अ जे चार- पांच बजे सांझ खान घूमे निकल जाई ऊ खाना कइसे बनाई. त अइसन लोग स्ट्रीट फूड पसंद करेला. जेकरा लगे तनी पइसा बा, ऊ होटल- रेस्टोरेंट के आनंद लेला.
एमे दू राय नइखे कि युवा पीढ़ी तरह- तरह सुंदर परिधान में घूमे निकलेला. त फैशन बाजार के बिक्री- बंटा बहुते बढ़िया रहेला. नया- नया आ सुंदर ड्रेस देखे के होखे त एकरा खातिर दुर्गापूजा के अवसर सबसे बढ़िया बा. बंगाल के घरन में अउरी कौनो मौका पर कपड़ा- लत्ता किनाउ भा मत किनाउ, दुर्गापूजा में जरूर किनाई. ड्रेस देख के रउरा अच्छा लागी. तरह- तरह के आ लगभग कुल चटक रंग वाला परिधान. दुर्गापूजा के अवसर खातिर मेकअप के विशेष चीज जरूर किनाला. जे रोज- रोज मेकअप ना करे, ऊ दुर्गापूजा में जरूर सजे- धजेला. सौंदर्य आ सलीका के महत्वपूर्ण गढ़ ह पश्चिम बंगाल. बंगाल के दुर्गापूजा एही से विशेष आकर्षण वाला आ चकाचौंध से भरल रहेला. उम्रदराज लोग त दुर्गापूजा घूमे में रुचि ना लेला, काहें से कि ओह लोगन के शरीर जल्दिए थाकि जाला. दुर्गापूजा घूमे के बा त थाके वाला आदमी ना चाहीं. अइसन आदमी चाहीं जे पंद्रहो किलोमीटर चले त थाके ना. अइसने ना थाके वाला आदमी खातिर बंगाल के दुर्गापूजा बा. काहें से कि जदि रउरा अपना कार से घूमे गइल बानी तबो कई गो पंडालन में बहुत पहिलहीं गाड़ी पार्क क देबे के परी आ पैदल चले के परी. सुरक्षा आ भीड़ के देखते हुए ई जरूरी भी बा. नवहा लोग त पूजा पंडा घूमे में उत्साह से भरल रहेला, बाकिर बुजुरुग लोग टीवी पर दुर्गापूजा पंडाल देख के आनंद ले लेला. बुजुरुग लोगन में अधिकांश लोगन के आस्टियो अर्थराइटिस के बेमारी बा, घुटना भाग जोड़ के हड्डी घिस गइल बा त ढेर चलला पर दर्द होखे लागी. एही से तनी उमिर भइल वाला लोग घूमे के नांव पर दूर भागे लागेला.
सबसे ढेर उत्साह किशोर उमिर के लइका- लड़किन में रहेला. काहें से कि ओकनी का शरीर में जोर बा. शरीर जल्दी थाकी ना. त रउरा घूमे वालन में अधिका संख्या किशोर उमिर वालन के ढेर देखब. आ ओकनी के चेहरा देखब त लागी कि उत्साह आ उमंग के पराकाष्ठा बा. हंसत- उल्लासित चेहरा देखला पर रउरो आनंद आ जाई. त ईहे ह कोलकाता के दुर्गापूजा के आनंद.
(विनय बिहारी सिंह वरिष्ठ पत्रकार हैं, आलेख में लिखे विचार उनके निजी हैं.)
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FIRST PUBLISHED : October 15, 2022, 16:50 IST
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