Balod District Certificate Case: छत्तीसगढ़ के जिले बालोद (Balod) में एक युवक ने राजस्व कार्यलाय पहुंच कर एक अजीब मांग रखी. इस युवक की मांग को सुन एसडीएम सहित हर कोई हैरान हो गया. अक्सर कार्यालयों में हम लोगों को जाति सर्टिफिकेट (Certificate), शिक्षण सर्टिफिकेट सहित अन्य ऐसे सर्टिफिकेट के लिए आवेदन लगाते देखते हैं जिनकी जरूरत लोगों को पड़ती है. जिनकी जरूरत शिक्षा, आरक्षण, व्यवसाय और मतदान तक पड़ती है. इसी बीत बालोद जिले के एक युवक ने अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालय पहुंच कर ‘नो कास्ट नो गॉड नो रीजन’ सर्टिफिकेट मांग की जिसे सुनकर एसडीएम भी हैरान रह गए.
दरअसल बालोद जिले के ग्राम बोरी पोस्ट खपरी के निवासी केवल राम ने कक्षा बारहवीं के साथ-साथ औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान एवं पॉलिटेक्निक के भी पढ़ाई की है. युवक पढ़ा लिखा है और इसकी सोच यह है कि सिस्टम में जितने भी प्रमाण पत्र मिलते हैं वह किसी मतलब के नहीं हैं. एक अजीब तरह का प्रमाण पत्र मांगने आए इस युवक ने बताया कि आरक्षण पर युवा भरोसा करते हैं तो मेहनत कहीं ना कहीं पीछे छूट जाती है. इसलिए हमें खुद के मेहनत पर विश्वास करना चाहिए और आरक्षण जैसे सर्टिफिकेट केवल लोगों को पीछे धकेलने का कार्य करते हैं.
जाति और धर्म की वजह से मेहनत रह जाता है पीछे
युवक ने कहा कि सभी धर्मों में मेरी आस्था है और मैं किसी धर्म का नहीं हूं उन्होंने कहा कि ना मैं आस्तिक हूं ना मैं नास्तिक हूं. सिस्टम ने ऐसा बनाया है कि हम किसी धर्म के बंधन में रहते हैं. भारत में या छत्तीसगढ़ में आधे से ज्यादा तनाव जाति और धर्म के नाम पर होता है.
यवक ने प्रशासन से नो कास्ट नो गॉड नो रीजन सर्टिफिकेट की मांग की
युवक ने कहा कि मैं किसी धर्म जाति को नहीं मानता मैं एक भारतीय हूं और इसलिए मैं ‘नो कास्ट नो गॉड नो रीजन सर्टिफिकेट’ मांगने के लिए आया हूं. क्यों हम किसी धर्म समाज के बंधनों में बंधते जा रहे हैं. हमारा राष्ट्र प्रेम ही हमें भारतीय होने का सर्टिफिकेट दिलाता है. उसने कहा कि मैं भारतीय हूं और मैं जो सर्टिफिकेट में मांग रहा हूं कृपया शासन व प्रशासन वह सर्टिफिकेट मुझे दे. दरअसल युवक एसडीएम कार्यालय पहुंचा हुआ था इससे पहले इस ने भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री के समक्ष भी अपने अजीबोगरीब मांग रख थी. युवक का कहना है की मैं भारतीय के रूप में जीवन यापन करना चाहता हूं.
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